मोकामा में दिख रहा है राजनीति के अपराधीकरण की महिमा.

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सिटी पोस्ट लाइव :राजनीति में अपराधियों का महिमा-मंडान की तस्वीर मोकामा में दिखाई दे रही है.मोकामा विधान सभा सीट पर हो रहे उप-चुनाव में पक्ष विपक्ष दोनों तरफ से बाहुबलियों ने मोर्चा संभाल रखा है. एक ओर सूरजभान सिंह तो दूसरी ओर विवेका पहलवान ने मोर्चा संभाल रखा है.. एक बीजेपी के साथ तो दूसरा राजद के साथ. दोनों बाहुबलियों ने अपने-अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी है. सूरजभान सिंह को टक्कर देने के लिए मैदान में बिहार केसरी और बाहुबली विवेका पहलवान उतर चुके हैं.

बीजेपी उम्मीदवार सोनम देवी के पति ललन सिंह खुद भी बाहुबली हैं और अब उनके साथ चुनावी मैदान में कदम से कदम मिलाने के लिए पूर्व सांसद और बाहुबली नेता सूरजभान से भी उतर चुके हैं. हालांकि सूरजभान यह मानते हैं कि अब मोकामा से AK-47 का दौर गुजर चुका है और अब नया मोकामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बन रहा है. सूरजभान सिंह को टक्कर देने के लिए मैदान में बिहार केसरी और बाहुबली विवेका पहलवान उतर चुके हैं भले ही अनंत सिंह से इनकी खूनी अदावत हो लेकिन आज दोनों एक साथ हैं. विवेका पहलवान अनंत सिंह की पत्नी और राजद उम्मीदवार नीलम देवी के लिए घूम-घूम कर लोगों से वोट करने की अपील कर रहे हैं और निशाना सूरजभान सिंह पर साध रहे हैं.

मोकामा विधानसभा उपचुनाव में बाहुबलियों के मैदान में होने से आम लोग भी असमंजस की स्थिति में है लोग यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि किसके साथ जाएं . लोगों का कहना है कि मोकामा की स्थिति ऐसी हो गई है कि जनता के मन के विपरीत राजनीतिक पार्टियां भी उम्मीदवार के तौर पर बाहुबलियों को ही मैदान में उतारती हैं .यहां शरीफ लोगों को कभी उम्मीदवार नहीं बनाया जाता है . ऐसे में लोगों की मजबूरी है इन्हीं अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों में से अपना उम्मीदवार चुनना पड़ता है.

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