सिटी पोस्ट लाइव :बिहार सरकार के वितमंत्री द्वारा केंद्र सरकार पर वितीय असहयोग का आरोप केंद्र सरकार पर लगाए जाने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने बिहार सरकार को चेतावनी दे डाली है. 15 दिनों के भीतर वित्त मंत्रालय ने राज्य को तीन महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं. निर्देशों का भाव यह है कि वित्तीय मामलों में राज्य सरकार अपना पुराना ढीला-ढाला रवैया छोड़ दे. केंद्रीय मदद से चलने वाली योजनाओं में तो राज्य सरकार को चेतावनी तक दी गई है. अच्छी बात यह है कि राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों का कार्यान्वयन कर रही है.
वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी (Finance Minister Vijay Kr Chaudhary) ने सीधा आरोप लगाया कि केंद्र सरकार शिक्षा के मद में तय राशि नहीं दे रही है. राज्य सरकार अपने खजाना से केंद्रांश की भी भरपाई कर रही है.केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पिछले महीने की 28 तारीख को एक कड़ा पत्र लिखा. इसमें कहा गया कि केंद्र प्रायोजित योजनाओं की बची हुई राशि तत्काल भारत सरकार की संचित निधि में जमा करें. साथ में चेतावनी भी दी गई कि अगर यह राशि भारत सरकार की संचित निधि में जमा नहीं की जाती है तो अगली किश्त में उतनी राशि की कटौती कर ली जाएगी. राज्य सरकार को हर हाल में 30 सितम्बर तक इस निर्देश को कार्यान्वित करना है.
केंद्र की सक्रियता को देख कर राज्य वित्त विभाग भी सतर्क है. उसने केंद्र प्रायोजित योजनाओं में आवंटन और खर्च पर सभी विभागों से रिपोर्ट की मांग की है. इससे पहले वित्त विभागों ने सभी विभागों से उपयोगिता प्रमाण पत्र की मांग की थी. आशंका यह है कि उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा न होने के नाम पर केंद्र सरकार अनुदान न रोक दे.वित्त विभाग की अति सक्रियता को राज्य में हुए राजनीतिक परिवर्तन से भी जोड़ कर देखा जा रहा है.