सिटी पोस्ट लाइव : रामचरितमानस (Ramcharit Manas) को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के दिये गए विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है.विपक्ष के निशाने पर तो हैं ही साथ ही अपने दल और सहयोगी दलों का साथ भी उन्हें नहीं मिल रहा है.लेकिन फिर भी वो अपने बयान पर अडिग हैं.बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक बार फिर कहा कि वह अपना बयान वापस नहीं लेने वाले हैं.चंद्रशेखर ने कहा कि कृष्णवंशी हूं किसी भी तरह की कार्रवाई से डरनेवाला नहीं हूं. कौन साधु संत आशाराम बापू से माफी मांगू, कौन परमहंस से माफी मांगू जिन्हें मैट्रिक वालों से ज्ञान लेना होगा. जो संत जीभ काटनेवाले को 10 करोड़ देने का फतवा जारी करता है, उसे बता देता हूं कि कृष्णवंशी हूं डरनेवाला नहीं हूं.
प्रोफेसर चंद्रशेखर (Professor Chandrashekhar) ने जीभ काटने की धमकी पर संत को खुलेआम चुनौती देते हुये कहा कि अगर आप जीभ काटने का हौसला रखते तो देश के किसी कोने में बुला लो, हर चीज को मुंहतोड़ जवाब देने वाला हूं. मैं उस वंश का और उस खानदान का हूं.वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं हनुमान और राम का भक्त हूं, मगर तुलसीदास दूबे ने रामचरित मानस के खंड में गलत चौपाई लिखी. मैं उसका विरोध करता हूं और देश के किसी कोने में शास्त्रार्थ को तैयार हूं. मैं उस रामचरित मानस में उस चौपाई को छांट कर पढ़ता हूं.
चंद्रशेखर ने कहा किजो अंबेडकर की मूर्ति तोड़ सकते, जो देश के दुश्मन हैं और ज्ञान की भूमि बिहार को कलंकित करना चाहते हैं. वैसे लोग अगर मेरा पुतला फूंके तो कोई फर्क नहीं पड़ता. मैं कभी माफी नहीं मांगने वाला हूं. अगर सत्य बोलना रिस्क है तो मैंने रिस्क लिया है. हमारी पार्टी और नेता हमें माफी मांगने नहीं बोल सकते हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे मंत्री पद जाने का जरा भी डर नहीं हैं. हम उस मिट्टी के बने हैं कि कभी डरनेवाला नहीं है. सुंदरकांड और उत्तरकांड का विरोध करता रहूंगा. लोग आज हमें ज्ञान दे रहे हैं. मैंने बिल्कुल सत्य बोला है.गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekhar) ने रामचरित्रमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया था. हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब शिक्षा मंत्री ने कोई विवादित बयान दिया हो, इससे पहले भी चंद्रशेखर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं.