सिटी पोस्ट लाइव- जहा जनता की परेशानियों को सुनने के लिए मुख्यमंत्री जी के द्वारा जनता दरबार का आयोजन होता है तो वही एक खबर ऐसी सामने आई है जिसमे मुख्यमंत्री जी के जनता दरबार पर ही सवाल खड़े कर दिए है|मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में सुशासन की पोल खुल रही है। मधेपुरा से आये एक फरियादी ने मेडिकल कॉलेज की पोल खोल कर रख दी है। इस मेडिकल स्टूडेंट की सिकायत सुन मुख्यमंत्री आश्चर्यचकित रह गये।
फरियादी ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को आईना दिखा दिया
सिवान के युवक ने कहा कि वह जनता दरबार में 2021 में भी आया था| हाईस्कूल की जमीन बचाने को लेकर उसने सीएम से फरियाद भी की थी|। जिसके बाद सीएम ने शिक्षा मंत्री को फोन कर समस्या के समाधान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने वहां के डीएम को फोन कर जमीन को खाली कराने को कहा था। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। फरियादी ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को आईना दिखाते हुए कहा कि जनता दरबार में आने के बाद अब माफिया धमकी भी दे रहे हैं। कोई कार्रवाई तो नहीं ही हुई उल्टें अब जान पर आ पड़ी है। शिकायत सुन नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि यह क्या हो रहा है। फरियादी कह रहा कि वे 2021 में भी आये थे। सरकारी स्कूल के जमीन से कब्जा अब तक नहीं हटा। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज खोला जाये और वहां कोई सुविधा ही नहीं
मधेपुरा के फरियादी ने CM से कहा कि आपके द्वारा मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज खोला गया। लेकिन वहां कोई सुविधा नहीं है। न तो बेहतर इलाज की व्यवस्था है और न जांच की। छह माह से अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो रहा। एमआरआई जांच की सुविधा आज तक शुरू ही नहीं हुई। सिर्फ नाम का मेडिकल कॉलेज है। मेडिकल कॉलेज में जाने पर रेफर कर दिया जाता है। इस शिकायत के बाद मुख्यमंत्री हतप्रभ रह गये। इसके बाद तुरंत फोन लगाकर विभाग के प्रधान सचिव को कहा की वहां कोई सुविधा नहीं है ,ऐसा क्यों है? मेडिकल कॉलेज खोला जाये और वहां कोई सुविधा ही नहीं मिले। मधेपुरा में कर्पूरी ठाकुर के नाम पर मेडिकल कॉलेज खोले हुए तो तीन साल बीत गए। लकिन अब भी सुविधा को लेकर शिकायत आ रही है।