रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर विचार करे केंद्र सरकार : हाईकोर्ट
सिटी पोस्ट लाइव , रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर केंद्र सरकार को विचार करने के लिए कहा है। झारखंड हाईकोर्ट में गुरुवार को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में कोरोना से जुडी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि झारखंड में फिलहाल रोजाना लगभग 4000 रेमडेसिविर की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता सिर्फ 1500 से 2000 रेमडेसिविर की ही है। इसके कारण कोरोना के मरीजों को दवाइयों की उपलब्धता कराने में परेशानी हो रही है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपब्धता बढ़ाये जाने को लेकर केंद्र सरकार को राज्य के मुख्य सचिव ने पत्र भी लिखा है।
वहीं, रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी से जुड़े मामले में रांची सीआईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में हाईकोर्ट में सौंप दी है। अदालत ने इस मामले की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट भी तलब की है। गुरुवार को हाईकोर्ट ने सरकार के जवाब पर संतुष्टि जताई है। जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना के इस भीषण संक्रमण काल में राज्य सरकार और महाधिवक्ता अच्छा प्रयास कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि महाधिवक्ता काफी मेहनत कर रहे हैं और राज्य के वकीलों के साथ आम नागरिकों के लिए भी काफी मदद कर रहे हैं। लोगों को अच्छी सुविधा दिलाने में महाधिवक्ता राज्य सरकार के साथ मिलकर अच्छा कार्य कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कोर्ट को बताया था कि ऑक्सीजन सिलेंडर एवं अन्य महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी की खबरों पर प्रशासन ने कड़ी नजर रखी है। इसकी सूचना मिलने पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में भी ऐसी जगह सूचनाएं मिली तो प्रशासन के द्वारा कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हाईकोर्ट में राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि ऑक्सीजन सिलेंडर एवं कोरोना पीड़ितों को मिलने वाली जीवन रक्षक दवाइयों की कालाबाजारी रोकने के लिए सीआईडी से मॉनिटरिंग करवायी जाये। इसके साथ ही हाईकोर्ट में रांची पुलिस को यह निर्देश दिया था कि सादे कपड़े में पुलिस पदाधिकारी समय-समय पर प्राइवेट और सरकारी हॉस्पिटल में औचक निरीक्षण करते रहें ताकि कालाबाजारी करने वालों पर लगाम लगाई जा सके। बीते 29 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट में कोरोना से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई थी। सरकार की तरफ से हाई कोर्ट को बताया गया था कि राज्य सरकार ऑक्सीजन बेड बढ़ाने और अन्य चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है और इसकी व्यवस्था भी कर दी गई है। वहीं, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य महत्वपूर्ण दवाइयों की कालाबाजारी से जुड़ी खबरों पर हाईकोर्ट ने रांची एसएसपी से जांच रिपोर्ट मांगी थी।