सिटी पोस्ट लाइव :बिहार के गोपालगंज जिले में बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार ने जिस पुल का उद्घाटन एक महीने पहले किया था, वो एक महीने में ही नेस्तनाबूंद हो गया.बाढ़ के पानी के दबाव के चलते देखते ही देखते पूल का अप्रोच रोड ध्वस्त हो गया.अप्रोअच रोड ध्वस्त होने की वजह से आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई. चंपारण, तिरहुत और सारण समेत कई जिलों से गोपालगंज का संपर्क टूट गया है.
गौरतलब है कि 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु का निर्माण कार्य किया गया था. लेकिन इसका एप्रोच रोड गंडक नदी के पानी के दबाव नहीं झेल पाया. बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमारने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतू का उद्घाटन किया था. इसका एप्रोच रोड गंडक नदी के पानी के दबाव नहीं झेल पाया और देखते ही देखते ध्वस्त हो गया.गौरतलब है कि गोपालगंज को चंपारण, सारण और तिरहुत के कई जिलों से जोड़ने के लिहाज से सत्तरघाट महासेतु अति महत्वकांक्षी पुल है. इसके निर्माण में करीब 264 करोड की लागत आई थी. गोपालगंज में आज तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था. गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया जिसकी वजह से आवागमन हो गया है. बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में पुल का एप्रोच रोड टूटा है.
सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु के निर्माण की आधारशिला वर्ष 2012 में रखी थी. इसे बनाने में 3 वर्षो का समय निर्धारित किया गया था. लेकिन भूमि सम्बन्धी मामले और अन्य अड़चनों की वजह से एक लंबा वक्त लगा. बीते 16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने इस महासेतु का उद्घाटन किया था.लेकिन एक महीने के अंदर ही यह ध्वस्त हो गया.