सिटी पोस्ट लाइव : बिहार की राजनीति हमेशा से गर्म तवे की भांति तपती रही है. पिछले 15 सालों में राजनीतिक में बहुत कुछ बदला, लेकिन एक चीज नहीं बदला वो है विपक्ष का हमला. राजद जिस तरह से पहले भी सीएम नीतीश की बखिया उधेड़ते रहती थी, वैसे ही आज भी उनके विकाश कार्यों से लेकर फेरबदल तक पर हमला करते नजर आती है. एक बार फिर विपक्ष ने नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है. मामला चाहे कोरोना का हो या जदयू के नए प्रदेश अध्यक्ष का नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उनपर हमलावर हैं.
तेजस्वी रविवार को महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू के संबंधों के बारे में तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार को जैसा को तैसा मिला है. उन्होंने जदयू के नए प्रदेश अध्यक्ष पर भी तंज कसा. तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश ने जिसे प्रदेश अध्यक्ष बनाया है वो उनकी कुंडली जरूर देखे होंगे, क्योंकि इसके पहले नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था और उन पर भ्रष्टाचार के मुकदमे भी थे. अब जिन्हें नीतीश कुमार ने नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है वो उनके क्रिमिनल रिकॉर्ड को भी जरूर देख लें.
वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर तेजस्वी यादव ने बीजेपी और नीतीश कुमार को घेरा. उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को वैज्ञानिकों ने बनाया है न कि बीजेपी ने. अभी सिर्फ वैक्सीन का हल्ला है. जैसे रोजगार और एकाउंट में 15-15 लाख देने की बात हुई थी वैसे ही. तेजस्वी ने कहा कि क्या अभीतक वैक्सीन रखने तक की तैयारी हुई है. कोरोना वैक्सीन लोगों को कैसे मिलेगा, इसकी भी कोई तैयारी बिहार सरकार ने नहीं की है. नीतीश कुमार ने कोरोना को लेकर कोई कमिटी बनाई है क्या? उन्होंने कहा था कमिटी बनाने के लिए. लेकिन अभीतक बनी ही नहीं है.
बता दें तेजस्वी ने कल बैठक के बाद कहा कि सरकार विपक्ष के सवालों से बचने का काम करती है. उन्होंने कहा केंद्र के साथ राज्य सरकार को भी किसानों की परवाह नहीं है. दिल्ली के आसपास किसान अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में बजट सत्र की अवधि महीने-डेढ़ महीने की होती है, लेकिन सरकार बजट सत्र को छोटा कर जनहित के मुद्दों से बचना चाहती है.
तेजस्वी ने कहा कि हमारे विधायक जनसमस्याओं से सदन को अवगत कराना चाहते हैं. किंतु सरकार कोरोना के बहाने तीन-चार दिनों का सत्र बुलाना चाहती है. जब कोरोना के खतरों के बीच चुनाव हो सकता है. जनसभाएं हो सकती हैं. स्कूल-काॅलेज खुल सकते हैं तो सदन क्यों नहीं चल सकता. 243 लोगों के बैठने की व्यवस्था कैसे नहीं हो सकती है. साथ उन्होंने कहा कि सरकार ने परंपरागत तरीके से बजट सत्र नहीं चलाया तो हम इस सत्र का बायकॉट करेंगे साथ ही सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेंगे .