सिटी पोस्ट लाइव : रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद सबके जेहन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या एलजेपी के पूर्व सांसद रामा सिंह का RJD में 29 जून को इंट्री हो पायेगा. गौरतलब है कि रामा सिंह की पार्टी में इंट्री की तेजस्वी यादव के तैयारी से नाराज होकर ही रघुवंश प्रसाद ने इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद पार्टी बैकफूट पर आ गई थी. लेकिन तेजस्वी यादव ने ये संकेत दे दिया था कि वो रामा सिंह को पार्टी में शामिल करने के पक्ष में हैं.रामा सिंह 29 जून को RJD में शामिल होने की तैयारी भी कर चुके हैं.ऐसे में ये सवाल वाजिब है कि क्या रामा सिंह की 29 जून को इंट्री हो जायेगी.
रघुवंश प्रसाद सिंह ये साफ कर चुके हैं कि अगर आगे भी कभी पार्टी रामा सिंह को आरजेडी में शामिल करना चाहती है तो वो भी कोई बड़ा फैसला लेने को मजबूर हो जाएंगे. रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी पद से इस्तीफा देने के बाद जहां आरजेडी के भीतर हलचल मची हुई है, वहीं पूरा लालू परिवार (Lalu Family) ब्रह्म बाबा यानि रघुवंश बाबू को मनाने में जुटा है.लेकिन अंदरखाने में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि पार्टी में रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे कद्दावर समाजवादी नेता होने के बावजूद भी तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) रामा सिंह पर दांव क्यों लगाना चाहते हैं? दरअसल, तेजस्वी यादव अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के लिए ही रामा सिंह को पार्टी में शामिल कराना चाहते हैं. राघोपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 40 से 45 हजार राजपूत वोटरों की संख्या है जो शुरू से ही आरजेडी के खिलाफ वोट करती रही है. तेजस्वी यादव बीजेपी के इसी कैडर वोटबेंक में रामा सिंह को पार्टी में लाकर अब सेंधमारी करना चाहते हैं.
तेजस्वी यादव को ये बखूबी पता है कि रामा सिंह राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के बिदुपुर इलाके में राजपूत वोटरों को आरजेडी के लिए गोलबंद कर सकते हैं. बिदुपुर के करीब 20 पंचायतों में तकरीबन 20 से 22 हजार राजपूत वोटरों की संख्या है. इसी वोटबैंक पर तेजस्वी की नजर है.तेजस्वी यादव को इस बात का भी डर सता रहा है कि कहीं इस बार ऐश्वर्या राय उनके खिलाफ राघोपुर से चुनाव मैदान में न उतर जाए. ऐश्वर्या यादवों का ही वोट काटेंगी और अगर ऐसा हुआ तो फिर तेजस्वी को चुनाव में भारी नुकसान भी हो सकता है.
एक आंकड़े के मुताबिक, राघोपुर में कुल वोटरों की संख्या अनुमानित 3 से सवा 3 लाख के करीब है. जिसमें अकेले 1 लाख 5 हजार यादव वोटरों की संख्या है. अब तक यादवों ने किसी भी तरह से लालू परिवार से खड़े हुए उम्मीदवारों को ही वोट किया है. लेकिन अगर ऐश्वर्या यहां से ताल ठोकती हैं तो इसकी संभावना ज्यादा है कि कुछ न कुछ यादवों का वोट वो जरूर काटेंगी. ऊपर से स्थानीय पूर्व विधानपार्षद भोला राय पहले ही बागी तेवर अख्तियार किए हुए हैं. ऐसे में तेजस्वी इसकी भरपाई के लिए बीजेपी के कैडर वोट में सेंधमारी करने के फिराक में है. और इसी के खातिर तेजस्वी रामा सिंह जैसे फार्मूले का प्रयोग करना चाहते हैं.
ये सच है कि रघुवंश सिंह की भरपाई रामा सिंह नहीं कर सकते.रघुवंश प्रसाद सिंह की छवि अलग है और रामा सिंह एक बाहुबली नेता है. लालू यादव रघुवंश प्रसाद सिंह को छोड़ना नहीं चाहते लेकिन तेजस्वी यादव रामा सिंह की मदद से अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं. अब सबसे बड़ा धर्मसंकट लालू यादव के लिए है एक तरफ उनके पुराने सुख-दुख का साथी और उनकी पार्टी का संकटमोचक है तो दूसरी ओर पार्टी के युवराज यानि तेजस्वी यादव के राघोपुर सीट का सवाल है. ऐसे में अब सबकी नजर लालू यादव पर ही टिकी है कि वो क्या फैसला लेते हैं और कैसे बीच का रास्ता निकालकर कम से कम डैमेज की गुंजाइश रखते हैं.