सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधान सभा चुनाव से पहले NDA और UPA दोनों गठबंधन में घमशान मचा हुआ है.दोनों ही गठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बटवारे को लेकर महाभारत मचा हुआ है. NDA के लिए सबसे बड़े सरदर्द चिराग पासवान बने हुए हैं तो महागठबंधन में मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी पार्टी से डील कर तेजस्वी यादव चुपचाप बैठ गए हैं. सीटों की संख्या तय नहीं होने को लेकर कांग्रेस समेत सभी घटक दलों में बेचैनी है.बिहार में सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के भीतर भी जंग छिड़ी हुई है. कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह के 80 सीटों पर चुनाव लड़ने के बयान से कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने किनारा कर लिया है. गोहिल के बयान के बाद सदानंद सिंह ने भी ये साफ़ कर दिया है कि उन्हें केवल राहुल गांधी की परवाह है बाकी नेता क्या कहते हैं, कोई मायने नहीं रखता.
कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने तेजस्वी यादव का बिना नाम लिए कहा कि किसी को मुगालते में नहीं रहनी चाहिए कि वे ताकतवर हैं और अकेले हीं चुनाव जीत लेंगे.उन्होंने तेजस्वी यादव को नसीहत देते हुए कहा कि पहले का चुनाव परिणाम देख लें हककीत पता चल जाएगा. जब कांग्रेस और राजद अलग होकर चुनाव लड़ी थी क्या हुआ था गौर फार्म लें.सदानंद सिंह ने कहा कि हमारी एक गलती की वजह से 2000 में राबड़ी देवी की सरकार बन गई थी,क्यों कि तब कांग्रेस ने राजद को समर्थन दे दिया था.
गौरतलब है कि सदानंद सिंह पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस कम से कम बिहार की 80 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.उन्होंने ये भी कहा था कि सीटों का बंटवार पहले हो जाना चाहिए,ताकि कांग्रेस तैयारी कर सके. सदानंद सिंह के अलावे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी सीट बंटवारे को लेकर एक नया फार्मूला दिया था. अनिल शर्मा ने कहा था कि राजद 60 फीसदी और कांग्रेस को 40 फीसदी सीटें मिलनी चाहिए.कांग्रेस नेताओं की बयानबाजी से राजद नेतृत्व खफा था.राजद नेतृत्व के खफा होने से कांग्रेस नेतृत्व परेशान हो गयी इसके बाद डैमेज कंट्रोल के लिए गोहिल मैदान में उतरे.
गोहिल ने स्पष्ट मैसेज दे दिया कि हमारे नेता नाराज हो तो हो लेकिन राजद नेतृत्व को नाराज नहीं होना चाहिए.बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने एक वीडियो जारी कर कहा कि सीटों के तालमेल का यह सही समय नहीं है. सीटों का बंटवारा सहयोगियों की सहमति से मिल बैठकर होगा. गोहिल ने सदानंद सिंह का नाम लिए बगैर कहा कि बिहार में लगातार ऐसी चर्चाएं हो रही है कि कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगी तो अन्य दल इतनी सीटों पर इन चर्चाओं में कोई दम नहीं है. बिहार में फिलहाल लोग बाढ़ और कोरोना से त्रस्त हैं जब कि राज्य की भाजपा जदयू की सरकार राजनीति में मगन है.
कांग्रेस नेताओं के बयान से तेजस्वी यादव इतने नाराज हो गए कि सीटों की संख्या को लेकर सवाल उठानेवाले कांग्रेसी नेताओं को नीतीश कांग्रेस का नाम दे दिया था.RJD प्रवक्ता भाई बिरेन्द्र ने सिटी पोस्ट लाइव से कहा कि 70-80 सीटों की मांग करनेवाले राहुल गांधी के कांग्रेस नेता नहीं हैं बल्कि ये नीतीश कांग्रेस के नेता हैं.