सिटी पोस्ट लाइव : अपने बेटे सुधाकर सिंह के मंत्री पद से इस्तीफा लिए जाने के बाद नाराज चल रहे जगदानंद सिंह दिल्ली में आज से शुरू हुई हुई राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हुए.उनके प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबर भी लगातार चल रही है.अब तेजस्वी यादव ने भी संकेत दे दिया है कि अब वो जगदानंद सिंह को मनाने वाले नहीं हैं.वो भी उनके इस हाई-वोल्टेज ड्रामा से परेशान हो गये हैं. तेजस्वी यादव द्वारा जगदानंद सिंह के पाले में गेंद डाल दिया गया है. तेजस्वी यादव ने कहा है कि पार्टी की राष्ट्रिय कार्यकारिणी की बैठक में वो शामिल होगें या नहीं उनको ही फैसला लेना है.
जगदानंद सिंह ने एक सप्ताह पूर्व पार्टी की ओर से एक पत्र एक अक्टूबर को जारी किया था जिसमे कहा गया था कि ‘उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन और राज्य सरकार के नेतृत्व से संबंधित सवालों पर कोई नहीं बोलेगा. पत्र में उन्होंने कहा था कि- सभी सांसद, विधायक, पदाधिकारियों और नेताओं से आग्रह किया जाता है कि सरकार और नेतृत्व से संबंधित सवालों पर किसी टिप्पणी से परहेज करें. विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ था कि गठबंधन, नेतृत्व और इससे जुड़े फैसलों और विषयों पर आधिकारिक बयान के लिए सिर्फ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही अधिकृत हैं.’
एक अक्टूबर से पहले 29 सितंबर को जगदानंद सिंह के एक बयान से राजनीति गरमा गई थी. उन्होंने दावा कर दिया था कि 2022 खत्म होने के बाद 2023 में तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. उन्होंने कहा था कि ‘हमें लगता है कि 2022 बीतने के बाद 2023 में नीतीश देश की लड़ाई लड़ेंगे और बिहार के भविष्य की लड़ाई तेजस्वी यादव के हाथ में सौंप देंगे.’ बेटे के इस्तीफा की घोषणा पिता से करवायी गई तो उन्होंने इसे बलिदान करार दे दिया.जगदानंद सिंह ने सुधाकर सिंह के इस्तीफे की घोषणा तो की लेकिन साथ ही इसे उन्होंने बलिदान कहा. आगे यह भी कहा कि ‘ कृषि मंत्री किसानों के हक में अपनी आवाज उठा रहे थे, लेकिन अंत में उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया, ताकि लड़ाई आगे नहीं बढ़े.’
सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद से जगदानंद सिंह पार्टी कार्यालय नहीं गए. हालांकि इस बीच दुर्गापूजा भी था और जगदानंद सिंह गांव चले गए थे. अब यह सवाल तेज है कि जगदानंद सिंह दिल्ली में हो रही राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेंगे कि नहीं ! तेजस्वी के ताजा बयान कि ‘बैठक में वे शामिल होंगे कि नहीं निर्णय उनको लेना है’ से स्थिति साफ है. इस बयान का मतलब ही है कि तनातनी है.तेजस्वी यादव मान मनौवल के मूड में भी नहीं हैं.