सिटी पोस्ट लाइव : देश में पहले दो ही वैक्सीन लग रही थीं, एक कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन अब रूसी वैक्सीन स्पूतनिक 5 भी आ गई किसी को दुविधा नहीं हो, इसलिए एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनकी खूबियों में मामूली अंतर हो सकता है, लेकिन तीनों ही आपके लिए सुरक्षा कवच हैं। इसलिए इनमें कोई एक जरूर लगवाएं। यह संक्रमण को कम करता है और मौत की आशंका को भी कम करता है। जानते हैं तीनों वैक्सीन के बारे में
वैक्सीन के बाद क्या
वैक्सीन लगने के बाद भी संक्रमण हो सकता है। इससे बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। भीड़ से बचें हाथों को सैनिटाइज करते रहें। आइसीएमआर के अनुसार वैक्सीन लगने के बाद 10 हजार में से केवल 2-4 लोग ही दोबारा से संक्रमित हुए हैं। लेकिन विशेषज्ञों की राय है, वैक्सीन लेने के बाद जान का खतरा नहीं रहता।
कौन न लगवाएं
जिन्हें किसी प्रकार के फूड या दवाइयों से एलर्जी है, या फिर पहले डोज में गंभीर लक्षण आ चुके हैं, वे लोग डॉक्टर की सलाह से ही टीका लगवाएं। गर्भवती व दूध पिला रही महिलाएं तथा जो पहले एंटीबॉडीज या प्लाज्मा थैरेपी ले चुके हैं, वे भी बचें।
साइड इफेक्ट क्या
सभी में हल्का दर्द, सूजन, बुखार, सर्दी-जुकाम, सिर और हाथ पैरों में दर्द हो सकता है। ज्यादा परेशानी हो तो चिकित्सक से सलाह लें।
एंटीबॉडीज कब तक
वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 2-3 सप्ताह के भीतर एंटीबॉडी बनती है। लेकिन पहली डोज लेने के बाद से ही खतरा कम हो जाता है।
टीकों की वे खूबियां, जो आपको जाननी चाहिए
तुलनात्मक विश्लेषण
कोवैक्सीन
आइसीएमआर
भारत बायोटेक है कोवैक्सीन की निर्माता
इनएक्टिवेटेड (डेड कोरोना वायरस हैं)
2 (दोनों में एक ही वायरस)
28 दिन बाद
78 फीसदी
केवल भारत में
कोई अध्ययन नहीं
कोविशील्ड
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्राजेनेका और भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट वायरल वेक्टर
2 टीके की दोनों में एक ही डोज में वायरस)
42-56 दिन (ज्यादा अंतराल पर अधिक प्रभावी)
81 फीसदी
80 से अधिक देशों में
सभी वैरिएंट पर प्रभावी
स्पूतनिक 5
रूस में बनी है, भारत में डॉ. रेड्डीज लैब बना रही है
वायरल वेक्टर (इसमें दो अलग अलग वायरस से इसलिए इसके दोनों डोज अलग-अलग है)
दो दोनों में अलग-अलग वायरस है। इसलिए दोनों को लगवाना जरूरी)
21 दिन के बाद कभी भी
90 फीसदी
60 से अधिक देशों में स्टडी चल रही है
‘तीनों ही वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रखा जा सकता है।कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज पूर्णतः रिकवर होने के बाद डॉक्टर की सलाह पर टीका ले।
कैसे करे रजिस्ट्रेशन?कोरोना वैक्सीन के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस पहले की ही तरह है. आपको कोविन पोर्टल (https://selfregistration.cowin.gov.in/) पर या आरोग्य सेतु ऐप या उमंग ऐप के जरिये वैक्सीन के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
रजिस्ट्रेशन के लिए कौन से डाक्यूमेंट्स जरूरी होंगे?
🟢 आधार कार्ड
🟢वोटर आईडी कार्ड
🟢ड्राइविंग लाइसेंस
🟢पासपोर्ट
🟢पेंशन डॉक्यूमेंट
🟢स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
🟢मनरेगा जॉब कार्ड
🟢पैन कार्ड
🟢बैंक या डाकघर द्वारा जारी पासबुक
🟢केंद्र/ राज्य सरकार/ सार्वजनिक क्षेत्र की लिमिटेड कंपनियों द्वारा जारी किए गए आईकार्ड
नोट: इनमें से कोई भी डॉक्युमेंट मान्य होगा. किसी एक डॉक्युमेंट की डिटेल दर्ज कर आप रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
ये रहा पूरा प्रॉसेस:👉🏻 https://selfregistration.cowin.gov.in पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का विकल्प होगा.
यहां आपको अपना मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा और गेट ओटीपी पर क्लिक करना होगा.
आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी का मैसेज आएगा. इसे 180 सेकेंड के अंदर डालना होगा.
फिर सब्मिट करते ही नया पेज खुलेगा. यहां आपको अपनी डिटेल भरनी है.
फोटो पहचान पत्र सेलेक्ट करन का विकल्प आएगा.
कोई एक विकल्प चुन कर अपना आईडी नंबर डालना है.
फिर अपना नाम, जेंडर और जन्मतिथि भरनी होगी.
इसके बाद ‘Register’ पर क्लिक करें.
Aarogya Setu ऐप पर ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
Aarogya Setu ऐप में CoWIN टैब पर क्लिक करें.
इसके बाद ‘Vaccination Registration’ को सेलेक्ट करें.
अपना फोन नंबर एंटर करें. इसके बाद आपको एक OTP मिलेगा उसे डाल कर वेरिफाई करें.
अब ‘Register for Vaccination’ खुलेगा जहां आपको अपनी जानकारी डालनी है.
यहां फोटो आईडी प्रूफ सेलेक्ट कर नाम, जेंडर, आदि डालकर ‘Register’ पर क्लिक करें.
रजिस्ट्रेशन के बाद अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें
रजिस्ट्रेशन होने के बाद आपको अपॉइंटमेंट को शेड्यूल करने का ऑप्शन मिलेगा.
जहां नाम के बगल में दिए ‘Schedule’ बटन पर क्लिक करना होगा.
इसके बाद अपने एरिया का पिन कोड डालें और Search पर क्लिक करें.
इसके बाद आपके पास में मौजूद सेंटर दिख जाएगा.
सेंटर, डेट और टाइम को सिलेक्ट कर के ‘Confirm’ पर क्लिक करें.
इतना करते ही आपका अपॉइंटमेंट बुक हो जाएगा.
कोविन पोर्टल में किया गया है बदलाव
कोविन पोर्टल पर एक बड़ा बदलाव यह किया गया है कि अब रजिस्ट्रेशन के बाद जब आपका वैक्सीन लगवाने का नंबर आएगा तो एक चार अंक का सिक्योरिटी कोड देना होगा. दरअसल, कई बार यह देखा गया कि रजिस्ट्रेशन के बाद लोग दी हुई तारीख पर टीकाकरण केंद्र पर नहीं पहुंचे, लेकिन उनके पास टीकाकरण हो जाने का मैसेज आ गया. ऐसी और भी दिक्कतें आई हैं, जिन्हें दूर करने के लिए एक सिक्योरिटी कोड अनिवार्य किया गया है. यह व्यस्था 8 मई यानी पिछले शनिवार से लागू हो चुकी है. कोविन सिस्टम पर लागू किया नया फीचर सिर्फ उन लोगों के लिए होगा, जिन्होंने वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन बुकिंग की है.
विकाश चन्दन की रिपोर्ट