सिटी पोस्ट लाइवः इस बार बिहार विधानसभा चुनाव वाकई बहुत अलग होने वाला है। कोरोना संकट की बीच चुनाव होने हैं इसलिए पहले से माना जा रहा था कि चूंकी चुनाव अलग परिस्थितियों में होने हैं इसलिए यह चुनाव दूसरे विधानसभा चुनाव के मुकाबले अलग है लेकिन अब चुनाव आयोग की एक चिट्ठी ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को और अलग बना दिया है। दरसअल चुनाव आयोग की ओर से 150 राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखी गयी है जिसके मुताबिक अगर कोई राजनीतिक दल किसी दागी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाता है तो उसे यह बताना होगा कि उसने दागी उम्मीदवार क्यों चुना।
जानकारी के मुताबिक बिहार विधानसभा के चुनाव में दलों को यह बताना होगा कि जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे लंबित हैं उन्हें प्रत्याशी क्यों चुना. दलों को बाजाप्ता अखबार में यह सूचना प्रकाशित करानी होगी. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर सभी मान्यता प्राप्त दलों के लिए यह प्रावधान लागू कर दिया है. बिहार में 150 रजिस्टर्ड दलों को निर्वाचन विभाग ने चिट्ठी लिखी है जिनका मुख्यालय पटना है. राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 2543 दलों को पत्र लिखा गया है.
मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों को सीधे चुनाव आयोग की ओर से पत्र जारी किया गया है. निर्वाचन विभाग के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश दिया है जिसके आलोक में आयोग ने यह व्यवस्था इस चुनाव में पहली बार लागू की है. इसके तहत कोई भी दल अगर किसी ऐसे व्यक्ति को अभ्यर्थी चुनता है जिसके खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है तो उसको यह बताना होगा कि उसे उसने कैंडिडेट क्यों चुना.