सिटी पोस्ट लाइव : देश के किसानों की आय 20 19 तक दोगुनी करने के पीएम के वायदे को अमलीजामा पहनाने के लिए मनरेगा को कृषि से जोड़ने की तैयारी में केंद्र सरकार जोरशोर से sushil-modi-says-manrega-will-increase-farmers-income. कैसे मनरेगा को कृषि से जोड़ा जाए ताकि खेती की लगत कम हो जाए, मजदूरों को रोजगार की गारंटी मिलती रहे, इसको लेकर देश भर में विचार विमर्श और कार्यशाला आयोजित करने का सिलसिला जरी है. मनरेगा और कृषि को लेकर किसानों की आय बढ़ाने को लेकर पटना में आयोजित एक वर्कशॉप में बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बिहार में इस वर्कशॉप का आयोजन किया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार का प्रतिवर्ग किलोमीटर आबादी का घनत्व ज्यादा है. यहां की औसत होल्डिंग 0.64 हेक्टेयर यानी खेती का रकबा है. किसानों की ज्यादा आबादी लघु एवम सीमांत होने के चलते बिहार में मनरेगा पर इस वित्तीय वर्ष में 55 हजार करोड़ भारत सरकार खर्च कर रही है. ग्रामीण इलाके में रोजगार पैदा करने की योजना मनरेगा मूल रूप से मजदूरों विशेषकर खेतिहर मजदूरों को रोजगार की गारंटी देता है.
सुशिल मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आमदनी दुगुनी करने का जो वादा किया है उसे अमलीजामा पहनाने के लिए काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार को 2019 तक डीजल से खेती नही करना पड़ेगा. सभी किसानों को पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी. बिहार के किसानों को 97 प्रतिशत तक मनरेगा से कृषि को जोड़कर आय बढ़ाने का काम हो रहा है.उन्होंने कहा कि पौधरोपण के के साथ साथ उनकी देखभाल के लिए अलग से राशि देने का प्रावधान है. पेड़ों को पानी के लिए चापाकल लगाने और नीलगाय और जंगली सुअरों से फसलों को बचाने के लिए मेड़ आदि निर्माण में मनरेगा के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में इस विषय को लेकर संपन्न हुई बैठक में कई राज्यो के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. जिसमें सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे. बिहार और गुजरात के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से तथा पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने पत्र के माध्यम से अपने सुझाव दिए थे. बैठक में किसानों की आय को दोगुना करने में मनरेगा की भूमिका, कृषि में लागत कम करने और उत्पादन बढ़ाने तथा फसलों के नुकसान की भरपाई जैसे संवेदनशील मुद्दो पर चर्चा की गई. बैठक में निर्णय लिया गया कि कृषि को लाभकारी व्यवसाय बनाने तथा किसानों की आय को दोगुना करने के लिए मनरेगा को उससे जोड़ना होगा. उसी विषय पर चर्चा के लिए विभिन्न राज्यों में कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है.
मोदी ने कहा कि मनरेगा को कृषि से जोड़ने को लेकर उपसमिति की आगामी बैठक 31 अगस्त को दिल्ली में होगी, जिसमें समिति के निर्णयों का ड्राफ्ट तैयार किया जायेगा. इस ड्राफ्ट को नीति आयोग को आगे की करवाई के लिए सौंपा जाएगा.वर्कशॉप में बिहार के कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि किसानों की आय कम लागत में दुगुना करने के लिए सरकार लगातार योजनाएं चला रही है. इसका किसानों को फायदा भी हो रहा है और सरकार बराबर इन योजनाओं की समीक्षा भी करती रहती है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्तर पर कृषि में मनरेगा को जोड़ने की सरकार तैयारी कर रही है और इसी को लेकर विचार मंथन का दौर चल रहा है.