2102-13 में हुई BSSC की परीक्षाओं के दुबारा मूल्यांकन का सुप्रीम आर्डर.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग की 2012-13 में आयोजित होनेवाली चयन परीक्षाओं का फिर से मूल्यांकन होगा.2012 और 2013 में आयोजित की गई परीक्षाओं का मूल्यांकन दोबारा करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है.सुप्रीम कोर्ट ने दुबारा मूल्याङ्कन के बाद परीक्षा के परिणाम प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद दिया है.
गौरतलब है कि आयोजित परीक्षाओं के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने 2012 और 13 के परीक्षाओं में कुछ सवाल गलत पाए थे. विशेषज्ञ समिति के रिपोर्ट के एवज में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की जो नियुक्तियां हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश के तहत हो चुकी है उन्हें नहीं छेड़ा जाएगा. दूसरी तरफ कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि परीक्षा के मूल्यांकन के उपरांत अभ्यर्थियों की संख्या रिक्तियों से ज्यादा हो जाती है तो बच्चे उम्मीदवारों को 13.12. 2019 में पैदा होने वाली भविष्य की रिक्तियों में समायोजित किया जाए.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश गलत सवाल पूछे जाने को लेकर बीएसएससी के रिजल्ट को चुनौती दी गई थी.बिहार सरकार ने विभिन्न विभागों के लिए वर्ग 3 के पदों पर 2010 में 1569 रिक्तियां के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था. इन रिक्तियों के लिए आयोजित होने वाली प्री परीक्षा का रिजल्ट 2012 में घोषित किया गया था. इसके उपरांत कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी कि परीक्षा के परीक्षा में पूछे जाने वाले कुछ सवाल गलत हैं.
इस मामले पर सुनवाई के बाद पटना उच्च न्यायालय ने पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया और इसमें 27000 से ज्यादा उम्मीदवारों का परिणाम प्रकाशित हुआ.2013 में इसी की मुख्य परीक्षा आयोजित की गई और नतीजे आए 915 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया. फिर मामला खंडपीठ में चला गया और खंडपीठ ने वरिष्ठता पर भी आदेश दे दिया. इसके बाद बीएसएससी ने उच्चतम न्यायालय में अपील की. विशेषज्ञों की कमेटी बनाई गई. अब विशेषज्ञों की कमेटी के रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है.