10 दिनों में इंस्पेक्टर-डीएसपी और 20 दिनों में एसपी को केस का सुपरविजन का आदेश
सिटी पोस्ट लाइव : पटना सेंट्रल रेंज के डीआईजी राजेश कुमार ने एक बड़ा आदेश दिया है. बिहार पुलिस की सुस्ती पर लगाम लगाने के लिए डीआईजी राजेश कुमार ने अब 10 दिनों में इंस्पेक्टर-डीएसपी और 20 दिनों में एसपी को केस का सुपरविजन का काम पूरा करने का सख्त आदेश दे दिया है.डीआइजी का कहना है कि इससे पुलिस महकमे के कार्य पद्धति में सुधार आएगा . फाइलों पर कुंडली मारे बैठे जांच अधिकारी अब बख्शे नहीं जायेगें. तय समय सीमा में केस का सुपरविजन नहीं करने वाले इंस्पेटर और डीएसपी से केस वापस ले लिया जाएगा.
जिले के एसपी को भी अब 20 दिनों में केस का सुपरविजन कर लेना होगा. डीआईजी राजेश कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस ने केस के अनुसंधान को गति देने के लिए एक नयी शुरुआत की है, जिसका नाम स्पीडी इंवेस्टीगेशन मिशन रखा गया है. पटना और नालंदा जिला में इसकी शुरुआत की जा रही है. इसका उद्देश्य है गुणवतापूर्वक अनुसंधान के साथ तेज गति से अनुसंधान करना है.गौरतलब है कि अनुसंधान के नाम पर पुलिस अधिकारी सालों साल गंभीर मामलों पर कुंडली मरकर बैठ जाते हैं. इससे भर्ष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है.
डीआईजी राजेश कुमार ने कहा कि कोई भी कांड प्रतिवेदित होने पर सर्वप्रथम 10 दिनों के अंदर उसका पर्यवेक्षण कर लेना होगा. 10 दिनों में पर्यवेक्षण नहीं करने पर केस वापस ले लिया जाएगा. इसी तरह घटना होने के 20 दिनों के अंदर पुलिस अधीक्षक का प्रतिवेदन-02 निर्गत करने का आदेश भी दिया गया है.स्पीडी इंवेस्टीगेशन मिशन के तहत सिविल सर्जन कार्यालय में भी एक एसआई,एएसआई और तीन सिपाही की प्रतिनियुक्ति की जाएगी, ताकि समय पर इंजरी रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आदि समय पर प्राप्त किया जा सके. केस के अनुसंधान में प्रगति प्रतिवेदन य समीक्षा रिपोर्ट घटना के 30 दिनों के अंदर निर्गत हो जानी चाहिए.
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