चार जून तक चीनी का खुदरा भाव 34 रुपये किलो था लेकिन अब यह 42 रुपये तक पहुँच गई है. केंद्र सरकार की ओर से चीनी उद्योग को राहत पैकेज देने और इसका न्यूनतम बिक्री मूल्य तय करने के बाद यह परिवर्तन आया है. चीनी उद्योग को राहत देने की दिशा में सरकार के बढ़ते कदम की आहट से बाजार चौकन्ना हो गया है .
सिटी पोस्ट लाईव :इसबार ईद की सेवई की मिठास कम हो जायेगी क्योंकि चीनी को पंख लग गए हैं. महज सात दिन में यह आठ रुपये प्रति किलो महंगी हो गई है.गन्ना किसानों को इससे कितनी राहत मिलेगी ,पता नहीं लेकिन उपभोक्ताओं की मुश्किलें भी बढ़ गईं हैं.
चार जून तक चीनी का खुदरा भाव 34 रुपये किलो था लेकिन अब यह 42 रुपये तक पहुँच गई है. केंद्र सरकार की ओर से चीनी उद्योग को राहत पैकेज देने और इसका न्यूनतम बिक्री मूल्य तय करने के बाद यह परिवर्तन आया है. चीनी उद्योग को राहत देने की दिशा में सरकार के बढ़ते कदम की आहट से बाजार चौकन्ना हो गया है .और एक सप्ताह में चीनी के दाम आसमान छूने लगे हैं.
गौरतलब है कि इसी महीने के 6 तारीख को चीनी उद्योग को 8500 करोड़ रुपये का राहत पैकेज मिला है.कैबिनेट की बैठक में चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य 29 रुपये किलो तय किया गया. दरअसल, चीनी मिलों से बिकने वाली थोक चीनी का मूल्य 26 से 28 रुपये प्रति किलो के बीच था, जबकि उत्पादन लागत 32 किलो पड़ रही थी. इससे निपटने के लिए सरकार ने चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य निर्धारित कर दिया. गन्ना उद्योग को वित्तीय संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार की ओर से ये कदम उठाए गए. चीनी मिलों को इससे राहत तो मिली लेकिन चीनी का खुदरा मूल्य आसमान छोने लगा है.बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष रमेश तलरेजा के अनुसार चार जून से चीनी की कीमत रोज बढ़ रही है. फिलहाल चीनी का भाव 42 रुपये प्रति किलो किलो पर पहुंच गया है जो चार जून को 34 रुपये किलो था.