अभी आधे नंगे हुए हैं, आगे आदि मानव बनने को रहें छात्र तैयार

City Post Live - Desk

अभी आधे नंगे हुए हैं, आगे आदि मानव बनने को रहें छात्र तैयार

सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : कदाचार हर हाल में रुके, हम भी इसके पक्षकार और पैरोकार हैं। लेकिन कदाचार रोकने के नाम पर परीक्षार्थियों का मानसिक दोहन हो,हम इसका खुल्लम-खुल्ला विरोध करते हैं। आज सहरसा में बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा विभिन्य केंद्रों पर ली जा रही है। हम महज एम.एल.टी कॉलेज और आर.झा महिला कॉलेज में हो रही परीक्षा की तस्वीर आप सभी से साझा कर रहे हैं।परीक्षा केंद्र पर पहुंचे युवकों की कमीज और जूते उतार लिए गए हैं। परीक्षार्थी बनियान और नंगे पाँव परीक्षा केंद्र के अंदर प्रवेश ले रहे हैं।यह कदाचार रोकने का आधुनिक तरीका बेहद शर्मनाक है। इस तरीके से सिस्टम की ना केवल कमजोरी झलक रही है बल्कि उनके पास शिष्टाचार नाम कोई चीज नहीं बची है,उसका यह जिंदा प्रमाण है। आखिर पुलिस और प्रशासन के अलावे कॉलेज प्रबंधन की जिम्मेवारी क्यों हासिये पर चली गयी है। आखिर कदाचार पर लगाम लगाने के लिए शालीन और कोई अन्य शख्त कदम क्यों नहीं उठाए गए। इस तरीके से परीक्षार्थियों को मानसिक आघात लगना लाजिमी है। ऐसी विडम्बना और उपहास के तरीके से वे गम्भीरता से कैसे परीक्षा दे सकेंगे? परीक्षार्थी और उनके परिजनों को निश्चित रूप से इस तरीके खिलाफ लामबंद होकर मानवाधिकार को इसकी शिकायत करनी चाहिए। इस गन्दी स्थिति के लिए सीधे तौर पर जिले के डीएम और एसडीएम जिम्मेवार हैं।सुशासन का दम्भ भरने वाली सरकार, अपनी आंखें खोलो और खुद से देखो,क्या यह परीक्षा का जायज तरीका है? क्यों परीक्षार्थियों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हो? क्या आने वाले दिनों में अपनी कमियाँ छुपाने के लिए परीक्षार्थियों को पहले चड्ढी और बनियान में परीक्षा लेंगे और फिर क्या उन्हें पूरी तरह से नंगा कर, यानि उन्हें आदि मानव बनाकर परीक्षा में शामिल होने देंगे। हमने सहरसा जिलाधिकारी श्रीमती शैलजा शर्मा से बात की। उन्होनें कहा कि सरकारी नियम और निर्देश के आलोक में परीक्षा ली जा रही है और सभी परीक्षा केंद्र पर शांतिपूर्वक परीक्षा हो रही है। बेहद शालीन महिला डीएम से हम ज्यादा सवालात नहीं कर पाए। जाहिर सी बात है, कुछ हमारी भी विवशता है। वैसे धिक्कार और थू-थू है ऐसी व्यवस्था पर।

सहरसा से संकेत सिंह की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

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