सिटी पोस्ट लाइव: एससी/एसटी संशोधन बिल 2018 सोमवार को लोकसभा में आखिरकार पास हो गया. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 20 मार्च को इस कानून के प्रावधानों में किये गए कई बदलावों के विरोध में देश भर में दलित आन्दोलन शुरू हो गया था. सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी मामलों में आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने से दलित संगठन बेहद खफा थे . इस मुद्दे को लेकर जहां कई दलित संगठनों ने 9 अगस्त को भारत बंद का आह्वान कर दिया था वहीँ पासवान जैसे कई सहयोगी दलों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था .
आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बदले जाने के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण क़ानून संशोधन विधेयक को लोक सभा से पास कराने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बहुत—बहुत धन्यवाद. पासवान ने सभी दलों के नेताओं को भी बधाई दी है. उन्होंने यह भी ट्वीट किया है कि मैं आशा करता हूं कि इस विधेयक के पास होने से दलित अत्याचारों को ख़त्म करने में और भी सफलता मिलेगी.
मैं आशा करता हूँ कि जिस तरह से अनुसूचित जाति /जनजाति अत्याचार निवारण क़ानून संशोधन विधेयक लोकसभा मे सर्वसम्मति से पास हुआ है उसी तरह राज्यसभा से भी इसे सर्वसम्मति से पास किया जाएगा.इस विधेयक के पास होने से दलित अत्याचारों को ख़त्म करने में और भी सफलता मिलेगी.
सोमवार को सदन में चर्चा में भाग लेते हुए बीजेपी के भानू प्रताप सिंह ने कहा कि यह विधेयक आज के समय की जरूरत थी. इस मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को सभी लोगों को समझना चाहिए. उन्होंने एसी-एसटी कानून पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि न्यायपालिका का विधायिका के काम में दखल देना शुभ संकेत नहीं है.
इनेलोद के दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस विधेयक का हश्र नहीं राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक जैसा न हो इसके लिए सरकार को विशेष व्यवस्था करनी चाहिए. क्योंकि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग विधेयक को शीर्ष अदालत ने निरस्त कर दिया था. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि शाह बानो के मामले में जो कांग्रेस ने किया था, वही आज बीजेपी सरकार दलितों के मामले में कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भी वोट की खातिर तुष्टीकरण किया था और बीजेपी ने भी वही रास्ता अपनाया है.
जेडीयू और सरकार के सहयोगी दलों के नेताओं ने कहा कि इससे यह पता चलता है कि मोदी सरकार दलित समाज की सच्ची हितैषी है. जेडीयू के केसी त्यागी ने कहा कि इस विधेयक से फिर साबित हुआ है कि विपक्ष के इस आरोप में कोई दम नहीं है कि मोदी सरकार दलित विरोधी है. सरकार ने आज ये दिखा दिया है कि दलितों के हितों की रक्षा के लिए वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने से भी परहेज नहीं करनेवाली.