सिटी पोस्ट लाइव : कई एयरलाइन्स कंपनियां आज भी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही हैं.कई विमानन कंपनियों ने अपने खर्चों को भी सीमित कर दिया है. आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही स्पाइसजेट कंपनी भी तरह-तरह के जुगाड़ से कंपनी को बचाने में जुटी हुई है. कंपनी ने खर्च कम करने के लिए अपने 80 पायलट्स को तीन महीने की छुट्टी पर भेज दिया है. इस दौरान पायलट्स को कोई वेतन नहीं मिलेगा. कंपनी के इस फैसले के बाद हड़कंप मचा हुआ है.सबको नौकरी जाने का डर सताने लगा है.
लोगों को इकोनॉमिक फ्लाइट उपलब्ध कराने के लिए स्पाइसजेट एयरलाइन्स जाना जाता है.लेकिन इसकी हालत कोरोना काल के बाद से अच्छी नहीं है. स्पाइसजेट हेडक्वाटर्स गुड़गांव के अनुसार कोरोना काल के दौरान भी कंपनी ने किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गई. अभी भी छंटनी नहीं करने की नीति के अनुरूप स्पाइसजेट कंपनी काम कर रही है. पायलट्स की छंटनी करने की बजाय उनको छुट्टी पर भेजना कंपनी की नीतियों और कर्मचारियों के हित में है.
कंपनी ने जिन 80 पायलट्स को तीन महीने की छुट्टी पर भेजने का फैसला किया है वह एयरलाइन के बोइंग और बॉम्बार्डियर बेड़े से हैं. इनमें से किसी को भी छुट्टी की अवधि के दौरान वेतन नहीं मिलेगा. एक साथ 80 पायलट्स को छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले से कंपनी के अन्य कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है. सबसे अधिक परेशान पायलट्स हैं. उन्हें एयरलाइन के वित्तीय संकट के बारे में तो पता था लेकिन यह उम्मीद नहीं थी कि ऐसा फैसला कंपनी लेगी. एयरलाइन के कर्मचारी ने बताया कि तीन महीने बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति को लेकर भी अनिश्चितता है. कोई आश्वासन नहीं है कि छुट्टी पर जाने वाले लोगों को वापस बुलाया जाएगा या नहीं.