अध्यक्ष को दल परिवर्तन के आधार पर मतदान को अवैध घोषित करने का मिले अधिकार.
सिटी पोस्ट लाइव : गुरुवार को दिल्ली के लोदी स्टेट स्थित इंडिया इंटरनेशनल के सभागार में ‘दल-बदल कानून, व्हिप प्रणाली एवं रिकार्डिंग मतदान’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में बिहार विधान सभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कानून में अध्यक्ष को जितने अधिकार दिये गये हैं, उसे परिभाषित किया जाना चाहिए . उन्होंने कहा कि अध्यक्ष के स्वविवेक से कभी-कभी विवाद उत्पन्न हो जाता है और ऐसे में इसका प्रभावी स्वरुप निर्धारण आवश्यक है.
बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि दल-बदल निरोधक कानून के प्रावधानों में स्पष्टता लाने की जरुरत है. संविधान की 10वीं अनुसूची यानी दल-बदल विरोधी कानून बेहद प्रासंगिक और महत्वपूर्ण कानून है. लेकिन कानून में कुछ स्पष्टता के अभाव में इसका प्रभावी क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है.उन्होंने कहा कि इस कानून से सदस्यों के अपनी इच्छा से वोटिंग न कर पाने की बात सामने आती है, जबकि ऐसी बात नहीं है. विधायिका के सदस्य राजनीतिक दलों की विचारधारा और नेतृत्वकर्ता की उपलब्धियों के आधार पर चुनकर आते हैं, इसलिए उनका दल की नीतियों के हिसाब से आचरण करना अनिवार्य हो जाता है.
‘दल-बदल कानून, व्हिप प्रणाली एवं रिकार्डिंग मतदान’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में शशि थरुर, असदुद्दीन ओबैसी, मनीष तिवारी, तथागत सतपति, एम.आर. माधवन ने भी भाग लिया. सबने संबोधन किया.