पूर्व विधायक के बेटे ने सिविल सर्जन को घसीटा, डॉक्टरों किया कार्य बहिष्कार
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुजफ्फरपुर में बुधवार को औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में सिविल सर्जन के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की और तीन स्वास्थ्यकर्मियों के साथ पिटाई का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. नाराज स्वास्थ्य कर्मियों ने मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल सहित सभी 16 पीएचसी और शहरी क्षेत्र के पीएचसी के आउटडोर सेवा को बाधित कर दिया है. आज स्वास्थ्यकर्मियों ने सदर अस्पताल रोड पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया. मुख्य आरोपी अखिलेश यादव की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बांस और बल्ले से यातायात बाधित कर दिया.
सिविल सर्जन डॉ एसपी सिंह के साथ हुई बदसलूकी और कॉलर पकड़कर घसीटे जाने से चिकित्सक गुस्से में हैं. गुस्साए चिकित्सकों ने सदर अस्पताल और सभी पीएचसी में मरीजों का इलाज नहीं किया इससे आउटडोर सेवा पूरी तरह बाधित रही. हलांकि इमरजेंसी के मरीजों का चिकित्सकों ने इलाज किया.घटना के बाद गुरूवार को बिहार हेल्थ सर्विस एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सकों ने सदर अस्पताल परिसर में बैठक की. इसमें सिविल सर्जन के साथ ही आइएमए से जुड़े चिकित्सकों ने भी भाग लिया. बैठक में शनिवार तक सभी सरकारी अस्पताल के आउटडोर सेवा को बहिष्कार करने का फैसला लिया गया. डॉक्टरों ने अस्पतालों में सुरक्षा की गारंटी के साथ मुख्य आरोपी अखिलेश यादव को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने की मांग की है. गिरफ्तारी नहीं होने पर सोमवार से अस्पतालों की आपात सेवा के बहिष्कार का भी निर्णय लिया.
मुजफ्फरपुर में बिहार स्वास्थ्य सेवा संघ की बैठक में सोमवार से इमरजेंसी कार्यों का बहिष्कार करने का भी निर्णय लिया गया.मारपीट के बाद दहशत के साये में रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और चिकित्सक मुजफ्फरपुर मुख्यालय पहुंच गए हैं. सुरक्षा की गारंटी होने तक स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं जाने का चिकित्सकों और कर्मियों ने फैसला लिया है. साथ ही आरोपियों के गिरफ्तारी की मांग की है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन घोष ने नामजद प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है. हलांकि स्वास्थ्य कर्मियों या सिविल सर्जन की ओर से अब तक औराई थाने में लिखित शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. लेकिन, भासा की बैठक में थाना में पीड़ितों के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए शिकायत करने का फैसला लिया गया है.
गौरतलब है कि स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मारपीट करने और सिविल सर्जन का कॉलर पकड़कर घसीटने वाले मुख्य आरोपी की पहचान अखिलेश यादव के रूप में की गई है. ये पूर्व विधायक गणेश यादव का बेटा है. अखिलेश यादव खुद भी औराई विधान सभा क्षेत्र में राजनीतिक रूप से सक्रिय है. बुधवार को पीएचसी में एक्सपायरी ओआरएस मिलने के बाद दो दिनों से अखिलेश यादव के नेतृत्व में औराई पीएचसी में लोगों का धरना प्रदर्शन चल रहा था.उसी दौरान मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन का कॉलर पकड़कर उत्तेजित भीड़ ने बुधवार को घसीटा था. सिविल सर्जन के साथ बदसलूकी की हद पार करते हुए लोगों ने कॉलर पकड़कर काफी दूर तक दौड़ाया. सिविल सर्जन के साथ ही औराई पीएचसी के चार कर्मियों के साथ भी मारपीट की गई.
एक्सपायरी ओआरएस मिलने की जांच करने गए सिविल सर्जन के साथ पूर्व विधायक के बेटे ने बदसलूकी की थी.सिविल सर्जन डॉ एस पी सिंह ने कहा कि एक्सपायरी दवा की जांच करने औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गए थे. साथ में एसीएमओ भी थे, लेकिन इसी बीच उत्तेजित लोगों ने जांच करने ही नहीं दिया. दरअसल ओआरएस के एक्सपायर वितरण के बाद आन्दोलन कर रहे लोग दवा भंडार की जांच की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि पटना से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने सिविल सर्जन को मामले की जांच के लिए कहा था. दरअसल औराई में एक्सपायर दवा से संबंधित हाल के दिनों में दो मामले सामने आए हैं, लेकिन जांच नहीं होने से मामला फंसा हुआ है. दूसरी ओर विरोध-प्रदर्शन में शामिल लोग 3 दिनों से दवा भंडारण की जांच के साथ दोषियों पर कारवाई की मांग कर रहे हैं.गौरतलब है कि पीएचसी में एक्सपायरी ओआरएस मिलने के बाद मंगलवार से पीएचसी का काम-काज लोगों ने बंद कर रखा है. ये भंडार की दवा की जांच की मांग कर रहे हैं. ओआरएस एक्सपायर वितरण के बाद लक्ष्मण प्रसाद यादव ने औराई के थाना प्रभारी से इस सबंध में लिखित शिकायत की है. जिसमें उसके बेटे जय प्रकाश यादव को ओआरएस देने पर उल्टी होने और तबीयत खराब होने की शिकायत की गई है.