सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अब तक कई बार सवाल खड़े हुए हैं. इसी बीच एक बार फिर से सवाल खड़े हुए हैं. दरअसल, खबर है बिहार के शिवहर जिले की जहां के अस्पताल का उद्घाटन कभी सीएम नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था लेकिन अब नौबत यह है कि उस अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं आते हैं.
जानकारी के मुताबिक, यह अस्पताल बिहार के सबसे बड़े अधिकारी के गांव में है. बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार का गांव शिवहर जिले के पिपराढ़ी प्रखंड के कमरौली में है जहां वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा एक अस्पताल का उद्घाटन किया गया. कई मायनों मे देखा जाय़े तो यह अस्पताल दूसरे अस्पतालों की तुलना में अलग रसूख रखता है लेकिन हालात से मजबूर और अधिकारियो की कमी के कारण इस अस्पताल को देखने वाला कोई नहीं है.
इस अस्पताल की दयनीय स्थिति के कारण और चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण गांव के कई लोगों को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पा रही है. इस अस्पताल में डाक्टरों के आने का कोई निर्धारित समय नहीं है. जानकारी के मुताबिक, दीपक कुमार वर्ष 2012 मे स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव थे और उन्होंने अपनी मां के नाम पर वह अस्पताल बनवाया गया था, जिसकी स्थिति अब दयनीय हो चुकी है.
इस अस्पताल के निर्माण पर लगभग 60 लाख रुपये खर्च किये गये थे. इस अस्पताल के निर्माण के बाद लोगों को उम्मीद थी कि अब उन्हें इलाज की सुविधा उनके गांव में ही मिल जाएगी लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा हुआ नहीं. वहीं शिवहर जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर आर पी सिंह अस्पताल में डाक्टर नहीं आने के पीछे कोरोना महामारी को जिम्मेवार बताते हैं. उनका यह भी कहना है कि कोरोना महामारी को लेकर हो सकता है चिकित्सकों की डयूटी किसी दूसरे कामों मे लगायी गयी हो जिसके कारण वहां डाक्टर नहीं जा पा रहे हैं, हालांकि कमरौली सरकारी अस्पताल में एक डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति है.