कल सूर्य ग्रहण, मंदिर का कपट रहेगा बंद

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कल सूर्य ग्रहण, मंदिर का कपट रहेगा बंद

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: 26दिसंबर को सूर्य ग्रहण के कारण सुबह 8.22 से 11.22 3 घंटे तक रजरप्पा माँ छिन्नमस्तिके मंदिर का कपाट बंद रहेगा । पुनः विशेष पुजन के उपरांत मां भगवती छिन्नमस्तिके का दर्शन प्रारंभ होगा। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 26 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण खंडग्रास सूर्यग्रहण के रूप में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा, जिसमें सूर्य अंगूठी की तरह दिखाई देंगें। ग्रहण काल का समय  ऋषिकेश  पञ्चाङ्ग के अनुसार ग्रहण काल 2 घंटे 52 मिनट लगभग का रहेगा। रांची में ग्रहण सुबह 8.22 बजे से आरंभ होकर दिन के 9.42 बजे मध्य काल और 11.02 बजे ग्रहण खत्म होगा।  सूतक का महत्व रू ग्रहण में सूतक का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में सूतक लगने पर कई तरह के कार्यो को नहीं किया जा सकता। सूतक के समय को अशुभ समय माना गया है। ग्रहण का सूतक काल रू सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पूर्व से माना जाता है। 25 दिसंबर की रात 8 बजे से ही सूतक काल शुरू हो जाएगा, जो ग्रहण के मोक्ष के साथ समाप्त होगा। 2019 का अंतिम सूर्य ग्रहण मूल नक्षत्र और धनु राशि में होगा। ग्रहण के समय सूर्य, बुध, गुरु, शनि, चंद्र और केतु धनु राशि में एक साथ रहेगे। केतु के स्वामित्व वाले नक्षत्र मूल में ग्रहण होगा और नवांश या मूल कुंडली में किसी प्रकार का अनिष्ट योग नहीं होने से प्रकृति को नुकसान की संभावना नहीं है। इस बार सूर्य ग्रहण के पूर्व चंद्र ग्रहण नहीं हुआ है एवं आगे भी चंद्र ग्रहण नहीं होने से प्रकृति को बड़े नुकसान की आशंका नहीं है। ग्रहण का प्रभाव मूल नक्षत्र और धनु राशि वालों पर ज्यादा रहेगा।  ग्रहण काल में क्या करें रू ग्रहण लगने के पुर्व शुद्ध जल में स्रान कर जाप, हवन, गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सूंदर कांड का पाठ, तंत्र सिद्धि ग्रहण काल में कर सकते हैं। ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्रान कर शुद्ध होने के बाद पूजन आदि करके दान देना चाहिए। ग्रहण के बाद डोम को दान देने का अधिक महात्म्य बताया गया है, क्योंकि डोम को राहु-केतु का स्वरूप माना गया है।  ग्रहण काल में क्या न करें रू ग्रहण काल में खान-पान, शोर, शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि करना निषेध होता है। इस समय में गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नही निकलना चाहिए। जो माता गर्भवती हैं उन्हें विशेष बचना होगा। इस दौरान सुंदर कांड का पाठ या कृष्ण के मूर्ति या फोटो के सामने बैठ कर गुरु का ध्यान और मंत्र का जाप करें। इस दौरान ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं, साथ ही ऐसी महिलाओं को किसी भी वास्तु को तोड़ना या काटना नहीं चाहिए।

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