सिटी पोस्ट लाइव :दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किल बढ़ने वाली है. शराब नीति मामले को लेकर सीबीआई ने रविवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को समन भेजा है. उन्हें आज सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इसे लेकर सियासत शुरू हो गई है. आम आदमी पार्टी ने इसे साजिश बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है., BJP ने आप पर भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड तोड़ने का आरोप लगाया है.
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को ट्वीट कर बताया कि उन्हें सीबीआई मुख्यालय में सोमवार सुबह 11 बजे बुलाया गया है. उन्होंने कहा, बीते दिनों मेरे घर पर सीबीआई की 14 घंटे छापेमारी कराई गई, लेकिन कुछ नहीं मिला. बैंक लॉकर खंगाला. एक टीम मेरे गांव भी गई, लेकिन कुछ नहीं मिला. अब सीबीआई मुख्यालय बुलाया है। मैं सहयोग करूंगा. सत्यमेव जयते.
इस ट्वीट के बाद आम आदमी पार्टी सिसोदिया के समर्थन में उतर आई. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके कामों का जिक्र करते हुए ट्वीट किया, 75 वर्ष बाद ऐसा शिक्षा मंत्री मिला जिसने गरीबों को अच्छी शिक्षा देकर सुनहरे भविष्य की उम्मीद दी. करोड़ों गरीबों की दुआएं आपके (मनीष सिसोदिया) साथ हैं. पार्टी ने आरोप लगाया कि गुजरात में पार्टी का प्रचार रोकने को यह कदम उठाया गया है.
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि पूछताछ तो बहाना है. असल में उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी है. आप सांसद ने कहा कि सीबीआई और भाजपा दोनों ने तैयारी करके मनीष सिसोदिया को सोमवार को सीबीआई मुख्यालय में पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है. मगर यह नोटिस पूछताछ के लिए नहीं है, यह सिसोदिया की गिरफ्तारी की तैयारी है. क्योंकि गुजरात में चुनावों की घोषणा होने वाली है. वहां मनीष सिसोदिया के कई कार्यक्रम व सभाएं होनी हैं. उससे पहले उन्हें जेल भेजने की तैयारी है.
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पंच परमेश्वर सम्मेलन में आरोप लगाया कि आप ने दिल्ली में साफ-सुथरी सरकार देने का वादा किया था लेकिन उसने आबकारी विभाग, डीटीसी बस खरीद, शौचालयों के निर्माण और दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले किए. नड्डा ने कहा, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा था कि वे शराबबंदी लागू करेंगे, लेकिन हर मोहल्ले में शराब ठेके खोले गए. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के 745 स्कूलों में कोई प्राचार्य नहीं है.जेपी नड्डा ने दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के स्कूलों में टीचर और प्रिंसिपल नहीं हैं. दिल्ली के 70 प्रतिशत स्कूलों में विज्ञान और कॉमर्स की पढ़ाई नहीं होती है. दिल्ली के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है.