टूटने जा रही है दोस्ती! शाहनवाज हुसैन ने दिये संकेत, 2020 तक खत्म कर दी जाएगी नीतीश की अकड़
सिटी पोस्ट लाइवः तीन तलाक और धारा 370 जैसे मुद्दों पर जेडीयू ने बीजेपी का साथ नहीं दिया। जेडीयू इन मुद्दों को लेकर बीजेपी और केन्द्र सरकार के विरोध में खड़ी नजर आयी। जेडीयू के रूख से बीजेपी के अंदरखाने कितनी नाराजगी है इसका अंदाजा बीजेपी के नेताओं और प्रवक्ताओं के बयानों से लगाया जा सकता है, हांलाकि खुलकर कुछ नहीं बोला जा रहा है लेकिन बयानों से संकेत जरूर मिल रहे हैं। बीजेपी के कद्दावर नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा है कि धारा 370 और तीन तलाक का जेडीयू विरोध कर रही है यह जानकारी मुझे टीवी से मिली।
धारा 370 का कई विरोधी दलों ने बसपा, आम आदमी पार्टी और यहां तक की कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने समर्थन किया जेडीयू क्यों विरोध में खड़ी है यह तो जेडीयू के प्रवक्ताओं से हीं पूछा जाना चाहिए। हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि जदयू से बीजेपी के कम्यूनिकेशन में मैं कहीं शामिल नहीं हूं। बिहार में गठबंधन को लेकर बातचीत सुशील मोदी भूपेन्द्र यादव और केन्द्रीय नेतृत्व करती है। जेडीयू का झंडा, पार्टी का संविधान और विचारधारा अलग है। जेडीयू के नेता नीतीश हैं। हमारे नेता मोदी हैं। जदयू में क्या होता है वो जेडीयू तय करती है। जेडीयू बीजेपी की दोस्ती में खटास मिठास होती रही है।
तीन तलाक और धारा 370 पर जेडीयू विरोध करेगी यह जानकारी मुझे टीवी से मिली। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि पीएम मोदी ने छुपाकर वोट नहीं मांगा। कहकर वोट मांगा है और जनता ने मुहर लगायी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में लोगों ने मोदी को पीएम बनाने के लिए वोट दिया है इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। बिहार में भारतीय जनता पार्टी पूरी मेहनत कर रही है। बूथ लेबल पर हमारा संगठन है। हमारे नेतृत्व ने यह सूचित किया है कि गठबंधन रहेगा।
2019 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर का सीट छिन जाने का दर्द एक बार फिर बाहर आ गया। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान मैं केन्द्रीय चुनाव समिति का सदस्य था बावजूद इसके सीट बंटवारे के बाद मुझे पता लगा था कि मेरी भागलपुर की सीट भी जेडीयू को दे दी गयी है। बिहार में अच्छा हो या बुरा जिम्मेदारी से बीजेपी नहीं बच सकती। बीजेपी बड़े और छोटे भाई के चक्कर में नहीं पड़ती। हमारे नेता नरेन्द्र मोदी हैं। मैं भागलपुर को मिस करता हूं। मैं 2014 में 8 हजार वोटों से रह गया था लेकिन पूरे पांच साल भागलपुर के लोगों से जुड़ा रहा। बिहार में अच्छा काम हो रहा है लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी चिंता है जिसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।