लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद कुंदन के गांव में मचा कोहराम

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद तीन जवानों में झारखंड के साहेबगंज जिले के कुंदन ओझा ने भी देश के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में झारखंड के साहेबगंज जिले के शहीद कुंदन कांत ओझा डिहरी गांव के रहने वाले थे। जैसे ही इसकी जानकारी घर वालों को मिली, पूरे गांव में कोहराम मच गया। कुंदन ओझा की दो वर्ष पहले ही शादी हुई थी और डेढ़ महीने का एक छोटा बच्चा भी है, जिसे सीमा की रक्षा में लगे अपने पिता का गोद भी नसीब नहीं हुआ। वहीं पिछले कई महीनों से सीमा पर तैनात कुंदन अपने गांव नहीं आ पाये थे।

शहादत की खबर मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और संगठनों की ओर से शोक-संवेदना व्यक्त की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकारी मिली है कि सीमा पर कुछ तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है, जिसमें देश के कुछ जवानों के शहीद होने की खबर है। सभी शहीद जवानों के प्रति वे शोक संवेदना व्यक्त करते है। साथ ही झारखंड से भी संबंध रखने वाले एक जवान ने अपने कर्त्तव्यों के निर्वहन के दौरान प्राणों की आहूति दी है, उनके प्रति भी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और सरकार इस दुःख की घड़ी में शहादत देने वाले परिवार के साथ पूरी तरह खड़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े पैमाने पर राज्य के नौजवान सीमावर्ती क्षेत्रों में आज जहां जवान शहीद हुए है, वहां सड़क निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में अपना योगदान देने के लिए जा रहे थे। पिछले दिनों लगभग दो हजार की संख्या में दुमका से विशेष ट्रेन के माध्यम से श्रमिक सीमा सड़क संगठन, बीआरओ के माध्यम से लेह-लद्दाख के लिए रवाना हुए थे, इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से बीआरओ से सभी श्रम कानूनों का पालन करने का आग्रह किया गया था और उनके संरक्षण में श्रमिकों को रवाना किया गया था, अभी झारखंड से और भी श्रमिक वहां के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन तनाव की उत्पन्न स्थिति को देखते हुए थोड़ी देर के लिए रोका गया है, आगे बीआरओ के अधिकारियों से बातचीत करने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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