सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में अबतक 3.54 लाख प्रवासी श्रमिकों की स्क्रीनिंग का काम पूरा कर लिया गया है. मंगल पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रवासी श्रमिकों की स्वास्थ्य और उपचार की चिंता की जा रही है. राज्य में आइसोलेशन बेड़ों की संख्या 22 हजार से बढ़ाकर 35 किया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने होम क्वारांटाइन में रह रहे प्रवासी श्रमिकों की घर पर ही स्क्रींनिग कर आवश्यक उपचार हेतु विशेष जांच भी की जा रही है.
मंगल पाण्डेय ने कहा कि अभी तक तीन लाख 54 हजार 880 प्रवासी लोगों के सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है. 7935 लागों ने क्वारंटाइन की अवधि पूरा कर ली है. इनमें 109 व्यक्तियों में बुखार, खांसी अथवा सांस लेने में तकलीफ की शिकायत मिली है. प्रवासी श्रमिकों की बढ़ती हुई संख्या को ध्यान में रखकर राज्य में वर्तमान में चिह्नित 278 केंद्रों पर आइसोलेशन बेडों की संख्या 22 हजार से बढ़ाकर 35 हजार करने का निर्देश दिया गया है. वर्तमान में 1955 बेडों पर लोग आवासित हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग प्रवासी श्रमिकों को हर स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचा रहा है. स्क्रीनिंग के अलावे होम क्वराटांइन में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को बुखार, खांसीं, अथवा सांस लेने में तकलीफ होने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उनकी विशेष जांच भी की जा रही है. राज्य में कुल कार्यरत 548 क्वारंटाइन सेंटरों पर 17544 कमरों की व्यवस्था की गई है, जिसमें 3498 कमरों में लोग आवासित हैं. बिहार के तीन कोविड अस्पताल क्रमशः एनएमसीएच, पटना में 64, एएनएमसीएच, गया में 10 एवं जेएलनएनएमसीएच, भागलपुर में 90 कोरोना पॉजिटिव इलाजरत हैं, इसमें से मात्र एक मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ी है. जबकि सूबे में अब तक मिले लगभग चार हजार कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 16 को हीं ऑक्सीजन और मात्र दो मरीजों को वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ी.