सिटी पोस्ट लाइव : विधान परिषद में प्रतिपक्ष नेता सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर बड़ा हमला किया है.उन्होंने समाधान यात्रा को राजनीतिक विसर्जन यात्रा बताते हुए कहा कि ये कैसी समाधान यात्रा है, जहां सीएम की यात्रा स्थल पर एक भी स्थानीय जनता, स्थानीय जनप्रतिनिधि नहीं हैं. इससे साबित होता है कि नीतीश की सरकार को जनता ने अब सिरे से नकार दिया है.वे जहां भी जा रहे हैं लोगों का विरोध देखने को मिल रहा है. मुख्यमंत्री की सभा हो या रैली जदयू के नेता और सरकार के अधिकारी जीविका दीदियों को, आशा कार्यकर्ताओं को आगे बिठाकर भीड़ इकट्ठा कर रहे हैं.
राज्य के नौनिहालों की चिंता करते हुए कहा कि राज्य सरकार की ये कैसी दोहरी नीति है, एक ओर विभाग ने ठंड को देखते हुए स्कूल को बंद करने का फैसला लिया है, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री की यात्रा में बच्चों और शिक्षकों को जबरन परेशान किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अब तानाशाह हो गई है. ये लोग आशा कर्मियों और जीविका दीदियों के साथ दुश्मनी निभा रहे हैं. राज्य भर में आए दिन लूट, हत्या, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं सामने आ रही है. लेकिन सरकार का उस ओर कोई ध्यान नहीं है. इन्हें सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीतिक फायदे की चिंता रहती है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि वे जमीनी हकीकत से नजर चुरा कर अधिकारियों के चश्मे से बिहार का विकास देखने का ढोंग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवाओं में पल रहे आक्रोश से डरे- सहमे हुए हैं. इसलिए जिन-जिन जिलों में उनकी यात्रा होने वाली है, उन जिलों में बीएसईटी, एसटीईटी और सीटीईटी उतीर्ण शिक्षक अभ्यर्थियों को प्रशासन पहले से ही नजरबंद कर दिया जा रहा है. किसी भी शिक्षक अभ्यर्थी को मुख्यमंत्री से मिलने की इजाजत नहीं है. वर्षों से सातवें चरण की शिक्षक बहाली की काउंसलिंग के लटके रहने से प्रदेश के लाखों शिक्षक अभ्यर्थियों में भारी गुस्सा व आक्रोश है.