4800 की कोरोना की दवा रेमडेसिवीर के 6000 में बेचे जाने पर कार्रवाई

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सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के ईलाज और कोरोना की दवा के बिक्री को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं.अब जिला प्रशासन ने कारवाई भी शुरू कर दिया है. पटना के एक निजी अस्पताल को एक कोरोना मरीज से 6 रुपये की मांग की शिकायत को लेकर सील करा दिया गया है. आज  फुलवारीशरीफ के पटना एम्स (Patna AIIMS) के नजदीक स्थित सविता मेडिकल में ड्रग विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी कर बड़ी कारवाई की है.स्वास्थ्य विभाग की  तीन सदस्यीय टीम ने  छापेमारी कर कोरोना की दवाई रेमडेसिवीर (Remdesivir) की ब्लैक मार्केटिंग का पर्दाफाश किया है.

ड्रग विभाग सीनियर इंसपेक्टर क्युमुद्दीन अंसारी ने राजेश सिन्हा और संजय पासवान के साथ सविता मेडिकल दुकान में संयुक्त रूप से छापेमारी की. कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में दिये जाने वाले रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) तय मूल्य से अधिक कीमत पर बेची जा रही थी. टीम ने दवा की ब्लैक मार्केटिंग की सूचना मिलने पर छापा मारा और दवा दुकानदार छेदी टोला निवासी प्रवीण कुमार व इसके स्टाफ कैला, नगर नौसा, नालंदा निवासी चंदन कुमार को गिरफ्तार कर लिया.

गौरतलब है  कि रेमडेसिवीर नाम की दवा जो किसी भी मेडिकल की दुकान में नहीं बेची जानी है वह बेची जा रही थी. यही नहीं दवा निर्धारित मूल्य से काफी अधिक पर बेची जा रही थी. ड्रग इंस्केपेक्टर मो. क्युमुद्दीन अंसारी ने बताया कि पटना एम्स में कोविड 19 से पीड़ित आरा निवासी देवंती देवी का इलाज चल रहा है. देवंती देवी की स्थिति गंभीर थी. वहीं कोविड 19 से गंभीर मरीजों को छह इंजेक्सन का डोज दिया जाता है.  वहीं देवंती देवी के पुत्र मुकेश कुमार आर्या एम्स के नजदीक सविता मेडिकल से चार पीस लिये थे.

रेमडेसिवीर का कवर पर प्रिंट 4800 था, लेकिन छह हजार लिया गया. वहीं चार पीस का 24 हजार रुपया लिया गया था. जिसका बिल भी मरीज के अटेंडेंट के पास है. वहीं इसकी शिकायत मिली थी इसके बाद सहायक औषधि नियंत्रक पटना ग्रामीण के द्वारा तीन सदस्यीय टीम गठित की गयी और स्थानीय पुलिस के मदद से छापेमारी की गयी. छापेमारी में सत्याता पायी गयी जिसके बाद मेडिकल संचालक प्रवीण कुमार व इसके एक स्टाफ चंदन कुमार की गिरफ्तारी की गयी है.

ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑडर 2013 के अनुसार ओवर प्राइजिंग ड्रग का मामला दर्ज कर लिया गया है.इस मामले में फुलवारीशरीफ थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.  कम्पलेनर मुकेश कुमार आर्या बताया कि दवा दुकानदार ने 24000 की चार फाइल 6000 रुपये के हिसाब से दिया गया जबकि इसकी वास्तविक कीमत 4800 रुपये है.

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