बिहार विधानसभा भवन के स्तंभ पर बवाल, तेजस्वी यादव ने खोल दिया है मोर्चा

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा भवन में स्तंभ स्थापित किये जाने को लेकर बड़ा विवाद पैदा हो गया है. इस स्तंभ पर स्वास्तिक चिह्न का इस्तेमाल किये जाने को लेकर RJD और कांग्रेस ने सवाल खड़ा किया है. गौरतलब है कि दो दिन पहले ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Loksabha Speaker Om Birla) ने इसकी प्रतिकृति का लोकार्पण किया था. निर्माण के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) से उद्घाटन कराने की तैयारी है.इस बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने स्वास्तिक चिह्न पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि बिहार से अशोक स्तंभ को प्रतीक के रूप में हटाने की साजिश हो रही है. स्वतंत्रता के बाद देश का यह पहला ऐसा स्तंभ होगा, जिसमें अशोक चक्र नहीं होगा.

नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार देश की धर्मनिरपेक्ष छवि को ध्वस्त करते हुए अशोक चक्र की जगह स्वास्तिक चिह्न का इस्तेमाल कर रही है. RJD ने इसे जर्मनी के नाजियों का चिह्न बताया है. गौरतलब है कि कनाडा में भी स्वस्तिक के निशाँ पर प्रतिबन्ध लगाए जाने को लेकर पहले से राजनीति गर्म है. अब बिहार में सम्राट अशोक (Samrat Ashok) के बाद बिहार विधानसभा भवन (Bihar Vidhansabha) के सौ वर्ष पूरे होने की याद में बनाए जा रहे शताब्दी स्तंभ (Shatabdi Stambh) को लेकर भी राजनीति होने लगी है.

तेजस्वी के आरोपों को खारिज करते हुए विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब अपने धर्म को भूल जाना नहीं होता है. नेता प्रतिपक्ष के रूप में तेजस्वी जिस लेटर पैड का इस्तेमाल करते हैं, उस पर भी स्वास्तिक चिह्न है. यह हमारी धर्म-संस्कृति का प्रतीक है. सम्राट अशोक और उनसे जुड़े प्रतीक चिह्नों पर बिहार में राजनीतिक माहौल पिछले कई हफ्ते से गर्म है.

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