NDA में जारी है घमशान : उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी का पैगाम-ए-खीर कार्यक्रम कल से शुरू
सिटी पोस्ट लाइव : अपनी खीर पॉलिटिक्स में सोशल इंजीनियरिंग का तड़का देनेवाले रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा को लोक सभा सीटों के बटवारे को लेकर बीजेपी का 20-20 का फार्मूला बिलकुल मंजूर नहीं है. उन्होंने साफ़ कह दिया है कि वो क्रिकेट के खिलाड़ी नहीं हैं. उन्हें 20-20 का फ़ॉर्मूला नहीं पता. वो तो गिल्ली डंडा के खिलाड़ी हैं. यानी सर फोड़वा खेल के देशी खिलाड़ी हैं. सीटों के बटवारे को लेकर कुशवाहा अपनी खीर पॉलिटिक्स को मंगलवार से आगे बढाने जा रहे हैं. उनकी पार्टी मंगलवार यानी 25 सितम्बर से बिहार के हर जिले में पैगाम-ए-खीर का आयोजन करेगी. इस आयोजन में अलग-अलग जातियों के लोग अपने तरीके से खीर बनाने में मदद करेंगे. इसे आगामी चुनाव में परोसा भी जाएगा.
‘स्वादिष्ट खीर’ पकाने का बयान देकर एनडीए के बीच खलबली मचा देनेवाले राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा -, “मैंने खीर बनाने की बात समाज के सभी वर्गों को जोड़कर एक संदेश देने की कही थी. हम चाहते हैं कि वो मैसेज गांव-गांव तक फैले. हमलोग 25 सिंतबर से पटना से पैगाम-ए-खीर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे. बाद में इसे जिला, ब्लॉक और गांव स्तर तक ले जाएंगे. ये सतत और सामाजिक कार्यक्रम होगा.”
उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि खीर पकाने में सभी जाति बिरादरी के लोगों का योगदान होगा. खीर में यदुवंशी यानि कृष्णवंशी के लोग दूध, कुशवंशी यानि रामवंशी के लोग चावल डालेंगे. ब्राह्रमण समाज के लोग गुड़ या चीनी डालेंगे. अतिपिछड़ा समाज के लोग पंचमेवा और दलित भाई तुलसी का पत्ता डालेंगे और फिर खीर तैयार होने पर मुसलमान का दस्तरखान लगाकर सभी लोग मिलकर खीर खाएंगे क्योंकि दस्तरखान पर बैठने वाला ना कोई बड़ा होता और ना ही कोई छोटा.
सूत्रों के अनुसार एनडीए के अंदर सीटों का बटवारा उपेन्द्र कुशवाहा की वजह से ही अंतिम रूप नहीं ले पा रहा है. अपनी पार्टी की कार्यकारिणी बैठक में बीजेपी के साथ सम्मानजनक समझौता का दावा करनेवाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक के बाद चुप्पी साधे हुए हैं. और रामविलास पासवान अब ये कहने लगे हैं कि सीटों के बटवारे को लेकर वो बेचैन नहीं हैं. समय पर सबकुछ हो जाएगा.