लोकतंत्र विरोधी आदेश के खिलाफ रालोसपा ने राज्यव्यापी काला दिवस मनाया
सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने बताया कि रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जी के आवाहन पर बिहार सरकार द्वारा क्वरेंटीन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश के खिलाफ रालोसपा के सभी साथियों ने पूरे बिहार में मुंह पर काला पट्टी बांध कर,बैनर/बोर्ड के साथ धरना सत्याग्रह पर बैठ कर काला दिवस मनाया।
उपेंद्र कुशवाहा मुंह पर काली पट्टी बांध कर अपने पैतृक निवास स्थान जावज,जंदाहा,वैशाली में सत्याग्रह पर बैठे। रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा,युवा रालोसपा के मुख्य प्रवक्ता आशुतोष झा पटना आवास पर धरने पर बैठे। कुशवाहा ने कहा कि राज्य सरकार के रवैए के कारण लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है।एक तरफ लोग परेशान है और दूसरी तरफ राज्य सरकार को यह चिंता है कि कुव्यवस्था का सच कहीं बाहर ना आ जाए इसलिए मीडिया पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
क्वॉरेंटाइन सेंटर्स का हाल इतना बुरा है जहां सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।इस बदहाली का सच उजागर करने वाले मीडिया के लोगों पर पाबंदी लगाकर राज्य सरकार ने विचित्र निर्णय लिया है। बिहार सरकार ने क्वॉरेंटाइन सेंटर्स पर मीडिया के लोगों का प्रवेश वर्जित कर दिया है।ऐसा निर्णय सीधा लोकतंत्र पर हमला है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। ऐसे निर्णय की जितनी निंदा की जाए कम है।
रालोसपा की बिहार सरकार से ये प्रमुख मांगें है –
1.बिहार से बाहर फंसें मजदूरों,जो घर वापसी चाहते हैं, को बुलाने की त्वरित कार्रवाई की जाए तथा जो स्वेच्छा से वहां ही रुकना चाहें,उनके खाते में ही उतनी रकम डाल दी जाये जितनी उनको ट्रेन से लाने, क्वारिनटीन करने आदि पर खर्च हो जाता है।यह ख़र्च सरकारी आंकड़े के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति पर कम से कम 10000/- का होता है।अर्थात प्रति व्यक्ति 10000/-की राशि सभी के खाते में डालने की व्यवस्था की जाए।
2.बिहार में रह रहे वैसे लोग ,जिनके खाते में अबतक मात्र 1000/-दिया गया है, उन्हें दूसरी क़िस्त की राशि भी शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध करवाई जाए।
3.राज्य में रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु ठोस योजना बनाई जाए।
4.किसानों के नुकसान की भरपाई हेतु ठोस ,पर्याप्त एवम त्वरित कार्रवाई की जाए।
5.क्वरेंटीन सेंटर से खबर संग्रहित करने से मीडिया कर्मियों को प्रतिबंधित करने के लोकतंत्र विरोधी आदेश को अविलंब वापिस किया जाये।