लालू यादव को इंसाफ दिलाने के लिए दिल्ली के जंतर-मंतर पर RJD करेगा प्रदर्शन
सिटी पोस्ट लाइव : आखिरकार आरजेडी ने लालू यादव को परेशान किये जाने और उन्हें केंद्र सरकार के निर्देश पर झूठे मुकदमों में फंसाए जाने को लेकर सड़क पर उतरने का फैसला ले लिया है.राष्ट्रीय जनता दल संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने शनिवार को लालू यादव को केंद्र सरकार के एक मंत्री के निर्देश पर CBI द्वारा लालू यादव को रेलवे होटल टेंडर घोटाले में फंसाए जाने का आरोप लगाया है. आज एक संवाददाता सम्मलेन में रघुवंश सिंह ने कहा कि CBI के दो बड़े अधिकारियों की आपस की लड़ाई की वजह से ये खुलासा हो गया है कि CBI के विशेष निदेशक BJP के कई मंत्री नेताओं के समपर्क में थे. उन्होंने साजिश के तहत लालू यादव को झूठे मुकदमे में फंसाया.रघुवंश सिंह ने कहा कि इसको लेकर 18 दिसम्बर, 2018 को प्रदेश भर में प्रखंड मुख्यालयों पर राजद का युवा संगठन राष्ट्रीय युवा जनता दल ने धरना दिया गया. अब 26 दिसम्बर, 2018 को जिला मुख्यालय पर 09 जनवरी, 2019 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देने का कार्यक्रम तय हुआ है.
रघुबंश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को राजनीतिक कारणों से साजिश के तहत रांची जेल में रखा गया है. अस्वस्थ हालत में वे रीम्स अस्पताल में इलाजरत हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई फोन टेपिंग प्रकरण में ये खुलासा हो चूका है कि केन्द्र सरकार के तीन मंत्रियों और दो मुख्यमंत्रियों समेत 34 वीवीआईपी CBI को निर्देश देने का काम क्र रहे थे. एक मंत्री तो लालू यादव केस में सीधे सीबीआई अफसर को निर्देश देते हुए सुने गये हैं.उन्होंने कहा कि मंत्री ने CBI को क्या निर्देश दिए ,वह कौन मंत्री था, इसका खुलासा होना चाहिए.
रघुवंश सिंह ने कहा कि इस मंत्री ने लालू यादव के मामले में इतनी अधिक दिलचस्पी दिखाई है कि उसने चार्जशीट दाखिल करने, कोर्ट में कोई जवाब फाईल करने या गिरफ्तारी जैसा कदम उठाने से पहले उससे सलाह लेने का निदेश CBI को दिया था. सीबीआई अधिकारियों ने दो बार उक्त केस की फाइलें मंत्री के पास भेजवायी थी. सीबीआई के उच्चाधिकारियों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट दिल्ली में कई मामले चल रहे हैं. सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा, विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच जो घमासान चल रहा है और सीवीसी ने भी आरोपों की जांच की है.उन्होंने कहा कि उसमें आये तथ्यों से यह स्पष्ट है कि राकेश अस्थाना गुजरात कैडर के आईपीएस पदाधिकारी हैं जो प्रधानमंत्री के चहेते हैं. उन्हें ही सीबीआई के निदेशक पद पर बैठाने की साजिश थी. लेकिन वैसा नहीं हो सका तो उन्हें विशेष निदेशक बना दिया गया. श्री अस्थाना को बनाने के लिए रूपकदत्ता नामक आईपीएस की गृह विभाग में बदली कर दी गयी. यही अस्थाना रांची में पदस्थापित थे तब लालू प्रसाद को पशुपालन घोटाला में फंसाया था.
इससे पहले सीबीआई के निदेशक के द्वारा तैयार चार्जशीट में लालू के नाम का जिक्र नहीं था जिससे निगरानी करने वाले जज ने स्वीकार कर संयुक्त निदेशक के द्वारा दिये गये चार्जशीट को मान लिया .ऐसा देश में पहली बार ऐसा हुआ. यह भी स्पष्ट हुआ है कि आलोक वर्मा द्वारा दिये गये सीभीसी को जवाब में आईआरसीटीसी घोटाले में पर्याप्त साक्ष्य न होने के बाद भी राकेश अस्थाना, सुशील मोदी और पीएमओ का एक अफसर सीबीआई पर दबाव डाल रहे थे.रघुवंश सिंह ने कहा कि अस्थाना जी पर 3 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप है. उन्हीं के रिपोर्ट पर लालू प्रसाद जेल में बंद है. इन प्रकरण से स्पष्ट है कि लालू प्रसाद प्रारंभ से राजनीतिक द्वेष की भावना और साजिश के शिकार रहे हैं. रघुवंश सिंह ने कहा कि लालू यादव को फंसाने की रची गई साजिश को उजागर करने के लिए उनकी पार्टी संघर्ष करेगी.
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