कांग्रेस को 7 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं हैं लालू यादव, शरद को भी केवल 1 सीट

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कांग्रेस को 7 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं हैं लालू यादव, शरद को भी केवल 1 सीट

सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस के जरिये महागठबंधन में आनेवाले उपेन्द्र कुशवाहा को अब ये बात समझ में आ गई है कि कांग्रेस के साथ रहने से फायदा नहीं नुकशान हो सकता है. उपेन्द्र कुशवाहा ने समय की नजाकत को समझते हुए समय रहते शरद यादव और कांग्रेस दोनों से किनारा कर लिया है. दरअसल, शरद यादव उपेन्द्र कुशवाहा को कांग्रेस के जरिये महा-गठबंधन में लाकर RJD पर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रहे थे. लेकिन अब RJD तो कांग्रेस को ही भाव नहीं दे रही.जाहिर कांग्रेस जरिये महागठबंधन में आनेवाले दलों को RJD नेता तेजस्वी औकात बताने की तैयारी में हैं.उपेन्द्र कुशवाहा ने समय से अपना स्टैंड बदल दिया. उन्होंने शरद यादव और कांग्रेस से दुरी बना ली है. वो अब सीधे तेजस्वी यादव के साथ खड़े हो गए हैं.

उपेन्द्र कुशवाहा और सन ऑफ़ मल्लाह दोनों तेजस्वी यादव के साथ खड़े होने का ईनाम पा चुके हैं. उपेन्द्र कुशवाहा को बिहार में 5 सीटें और एक सीट झारखण्ड की मिल गई है.सन ऑफ़ मल्लाह जिन्होंने पिछले महीने ही अपनी पार्टी VIP बनाई थी, उन्हें भी तीन सीटें मिल गई हैं. लेकिन कांग्रेस के भरोसे रहनेवाले शरद यादव को एक सीट से ज्यादा देने को लालू यादव तैयार नहीं हैं.मांझी को भी तीन सीटें दिए जाने की संभावना है. अब सवाल ये उठता है कि पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में BJP को मात देने के बाद उत्साहित कांग्रेस को बिहार में कितनी सीटें मिल रही हैं. सूत्रों के अनुसार लालू यादव कांग्रेस को 7 से ज्यादा सीट देने को तैयार नहीं हैं. गौरतलब है कि पिछले चुनाव में 12 सीटों पर चुनाव लड़नेवाली कांग्रेस को इसबार 7 सीटों से ही संतोष करना पड़ सकता है.

दरअसल, कांग्रेस पार्टी उपेन्द्र कुशवाहा, जीतन राम मांझी, शरद यादव और पप्पू यादव को साथ लेकर ज्यादा से ज्यादा सीटों के लिए RJD के ऊपर दबाव बनाने की रणनीति पर काम कर रही थी.लेकिन लालू यादव ने उपेन्द्र कुशवाहा और सन ऑफ़ मल्लाह को अपने साथ कर कांग्रेस और उसके साथ खड़े शरद यादव, जीतन राम मांझी और पप्पू यादव की मुसीबत बढ़ा दी है.दरअसल, पप्पू यादव कांग्रेस के जरिये महागठबंधन में घुसना चाहते हैं. लेकिन RJD कांग्रेस को उतनी सीट देने को तैयार ही नहीं है जिससे पप्पू यादव के लिए महा-गठबंधन में कोई जगह बन पाए.सबसे बड़ी बात क्या पिछले लोक सभा चुनाव में 12 सीटों पर चुनाव लड़नेवाली कांग्रेस 7 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हो जायेगी. नहीं भी हो तो RJD को कोई चिंता नहीं है. कांग्रेस अगर सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़े तो महा-गठबंधन का काम और भी आसान हो जाएगा.

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