सिटी पोस्ट लाइव : मैथिली साहित्य के अनमोल सख्सियत रहे चंद्रनाथ मिश्र को अब बिहार ने खो दिया है.उनके निधन की खबर मिलते ही मिथिलांचल में शोक की लहर दौड़ गई. चंद्रनाथ मिश्र 99 वर्ष के थे और कुछ दिन पहले घर में ही गिर गए थे जिसके बाद से अस्वस्थ चल रहे थे.मैथिली साहित्य के अनमोल सख्सियत रहे चंद्रनाथ मिश्र के नाम बहुत सारी उपलब्धियां जुड़ी हुई है. मैथिली भाषा के प्रख्यात साहित्यकार रहे मैथिली के प्रसिद्ध कवि और नाटककार थे.
प्रख्यात साहित्यकार पंडित चंद्रनाथ मिश्र ‘अमर’ का गुरुवार रात उनके दरभंगा के मिश्र टोला स्थित आवास पर निधन हो गया. चंद्रनाथ मिश्र 99 वर्ष के थे. शुक्रवार को दिन में दो बजे अंतिम संस्कार दरभंगा में होगा. चंद्रनाथ मिश्र मूल रूप से मधुबनी जिला के खोजपुर गांव के रहने वाले थे. उनका कर्म भूमि दरभंगा ही रहा. एमएल एकेडमी लहेरिरियासराय से शिक्षक के रूप में अवकाश प्राप्त किया था. उनके पिता भी विद्वान थे और शिक्षा के क्षेत्र में जाना पहचान नाम थे. चंद्रनाथ मिश्र के पिताजी स्व. मुक्ति नाथ मिश्र रामेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय में प्रिंसिपल रह चुके हैं और दरभंगा में ही अपना पूरा जीवन बिताया.
मैथिली भाषा के प्रख्यात साहित्यकार रहे मैथिली के प्रसिद्ध कवि और नाटककार थे. मैथिली पत्रकारिता के इतिहास पर उन्होंने शोध किया था. मैथिली पत्रकारिता को लेकर साहित्य अकादमी पुरस्कार भी 1982 में मिला था. मैथिली की पहली फिल्म कन्यादान में मुख्य भूमिका के किरदार भी निभाया था. लगभग 60 से ज्यादा साहित्य, कथा संग्रह के साथ आशा दिशा, गुदगुदी, युगचक्र, उनटा पाल आदि कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था. 1988 में उन्हें साहित्य आकादेमी मैथिली अनुवाद पुरस्कार से भी नवाजा गया था. 2010 में मैथिली साहित्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. इस उम्र में भी वो विद्यापति सेवा संस्थान दरभंगा के अध्यक्ष पद को संभाल रहे थे.