बेगूसराय : गंगा घाटों पर अंतिम संस्कार करने वालों में आई कमी, लेकिन कम नहीं हुई गंदगी

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : इस कोविड महामारी के बीच एक तरफ जहां संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है और गंगा घाटों पर भी अंतिम संस्कार करने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है तो वहीं दूसरी तरफ अब लोग गंगा की स्वच्छता पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं और गंगा घाटों से बिना स्नान किए वापस लौट रहे हैं। हालांकि बिहार सरकार के द्वारा लॉक डाउन टू में भी धार्मिक स्थलों एवं गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं के आने की इजाजत नहीं थी लेकिन फिर भी जो लोग प्रोटोकॉल को तोड़कर गंगा घाट पर आ रहे हैं अब बैरंग वापस लौट रहे हैं।

दरअसल इस वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से कितने लोगों को अपने परिजनों की जिंदगी से हाथ धोना पड़ा तो वही बहुत सारे लोगों ने मौत के बाद अपने परिजनों का शव लेने से भी इनकार कर दिया था। जिसके बाद प्रशासन के द्वारा ही कोरोना महामारी की वजह से काल के गाल में समाए व्यक्तियों का अंतिम संस्कार भी किया गया इसमें कुछ ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें एंबुलेंस चालक या कर्मियों के द्वारा या फिर परिजनों के द्वारा आनन-फानन में शव को गंगा में प्रवाहित कर दिया गया ,या फिर आधे अधूरे जला कर छोड़ दिया गया ।

जिससे कि कई जगहों पर शवों को तैरते हुए पाया गया था । यही वजह रही कि स्वाभाविक मौत के बाद भी जो लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए गंगा घाटों पर आए तो उन्होंने घाटों की साफ-सफाई पर भी सवाल खड़े किए । अमूमन देखा जा रहा है कि कोबिड संक्रमण से मरे हुए लोगों को जब दाह संस्कार के लिए लाया गया तो पी पी ई किट, संक्रमित व्यक्ति के कपड़े और दवाइयां लोगों ने घाटों पर ही यत्र तत्र छोड़ दिया।

 वहीं घाट पर मौजूद घाट वाहक मल्लीक समाज के लोगों ने भी बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान अमूमन दर्जनों शव गंगा घाटों पर आते थे इनमें कुछ ऐसे भी लोग थे जो शवों का संस्कार किए बगैर ही गंगा में प्रवाहित कर देते थे। हालांकि मल्लिक समाज के लोगों ने कहा कि उन लोगों के द्वारा घाटों की साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा गया है साथ ही साथ उन्होंने बताया कि अब संस्कार के लिए आने वाले व्यक्तियों की संख्या में भी कमी आई है ।

दूसरी ओर धार्मिक ख्याल से गंगा स्नान करने वाले व्यक्तियों के द्वारा भी अब गंगा की सफाई को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं । गंगा स्नान करने वाले लोगों ने बताया कि लोग पुण्य के ख्याल से गंगा स्नान करने आते हैं लेकिन जिस तरह से हाल के दिनों में कोरोना मरीजों को गंगा में प्रवाहित किया गया या अधजले लाशों को गंगा किनारे छोड़ दिया गया उससे गंगा की स्वच्छता प्रभावित हुई है और अब लोग गंगा स्नान करने से भी परहेज कर रहे हैं ।

बेगूसराय सुमित कुमार की रिपोर्ट

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