मधुबनी : कागजों पर सिमट कर रह गया है रैन-बसेरा, सुध लेने वाला भी नहीं कोई 

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : मधुबनी नगर परिषद की फाइल में तो रैन बसेरा चालू है, लेकिन धरातल पर यह बंद पड़ा है। इसकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं। मधुबनी नगर परिषद प्रशासन की कार्यशैली का अंदाजा नवनिर्मित रैन बसेरा की वर्तमान स्थिति से स्पष्ट हो जाता है। रैन बसेरा का विधिवत उद्धाटन करीब नौ माह से अधर में लटका है। नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव सह उप निदेशक की ओर से रैन बसेरा का संचालन 15 दिसंबर 2019 तक शुरू कर देने का निर्देश दिया गया था। नगर परिषद कार्यालय से सटे 49.33 लाख रुपये की लागत वाले रैन बसेरा का निर्माण नौ मार्च 2016 को शुरू किया था। निर्माण कार्य एक वर्ष में पूरा कर लेना था।

मगर, तीन वर्ष से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। इसके उद्घाटन के लिए अब तक तय तिथि तीन दफे टाली जा चुकी है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत निर्माणाधीन 50 बेड वाले रैन बसेरा में ताला लगे रहने से नगर परिषद प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। रैन बसेरा का विधिवत उद्धाटन के बगैर मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद राज्य के बाहर से पहुंचे मजदूरों को इसमें ठहराया गया। मजदूरों को करीब एक माह ठहरने के बाद उनके चले जाने के बाद से ही रैन बसेरा में ताला लटका है।

बहरहाल, इसके जरूरतमंदों को रैन बसेरा के लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। बेड, चादर सहित अन्य सामान की खरीदारी में भी मची हुई है लूट-खसोट। मधुबनी नगर परिषद के कार्यालय से सटे रैन बसेरा के निर्माण और इसमें रहने वालों के लिए बेड, चादर सहित अन्य सामान की खरीदारी में लूट-खसोट की बात भी सामने आई है।

इसके उद्घाटन की तिथि बढ़ते रहने के पीछे यह गोरखधंधा भी वजह बताई जा रही है। लगातार मांग के बाद भी निर्माण कार्य में अनियमितता पर कार्यपालक पदाधिकारी के स्तर पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस मामला को सशक्त स्थायी समिति की बैठक में भी रखा गया था। मधुबनी नगर परिषद के सिटी मैनेजर नीरज कुमार ने बताया कि फाइल में रैन बसेरा का संचालन शुरू कर दिया गया है। जबकि नगर परिषद की मुख्य पार्षद सुनैना देवी ने बताया कि रैन बसेरा का विधिवत उद्धाटन नहीं हो सका है, इसका संचालन भी नहीं किया जा रहा है।

मधुबनी से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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