सिटी पोस्ट लाइव : अब बात करते हैं भागलपुर के नाथनगर विधानसभा क्षेत्र में चल रही राजनैतिक गहमा-गहमी की। वहां के लोगों का कहना है कि उनका इलाका वर्षों से उपेक्षित है। जन सुविधाओं और विकास के नाम पर वहां बहुत ज्यादा काम नहीं हुआ है। भागलपुर के लोगों में चर्चा है कि राजनैतिक मैदान में इस बार रानी चौबे के उतरने से उन्हें काफी उम्मीद बंधी है। लोग मानते हैं कि कुशल नेतृत्व की कमी की वजह से ही नाथनगर विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा रहा है। रानी चौबे क्षेत्र में जन-संपर्क अभियान में जुटी हैं। उनके समर्थकों के अनुसार वे कुशल नेतृत्व की धनी और सेवा भाव की भावना से ओत-प्रोत हैं। रानी चौबे ने भी संकल्प लिया है कि वे भागलपुर जिले के नाथनगर विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव कोशिश करती रहेंगी।
रानी चौबे कहती हैं कि भागलपुर के युवाओं को रोजगार मिले और स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त हों, ये उनका पहला लक्ष्य है। अपने इसी लक्ष्य को सामने रख कर रानी चौबे नाथनगर से चुनाव लड़ेंगी, ताकि लोगों को उनका हक दिलाने में कोई कठिनाई नहीं आए। रानी चौबे के समर्थकों के अनुसार उन्होंने विद्युत विभाग और पैन इंडिया में पीआरओ पद पर सेवा देते हुए लोगों की परेशानियों को बहुत नजदीक से देखा है। वे हमेशा शोषित और पीड़ित लोगों के लिए डटी रहीं। उन्होंने जस्टिस फॉर भागलपुर मंच का गठन किया, ताकि जिस प्रगति का हकदार भागलपुर है, वो उसे मिले।
रानी का कहना है कि भागलपुर के लोगों के स्नेह को वे कभी भूल नहीं सकतीं। इसलिए उन्होंने तय किया है कि वहां की उन्नति के लिए वे जी-जान लगा देंगी। भागलपुर में वे विकास की नई राजनीति की शुरुआत करेंगी। उनका दावा है कि भागलपुर में सेवा के दौरान उन्होंने न केवल बिजली व्यवस्था सही कराई, बल्कि बरारी के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी दुरुस्त करवाया। उन्होंने गरीब, बेसहारा लोगों के लिए मुफ्त भोजन और दूसरी सुविधाओं से लैस आश्रय स्थल का निर्माण भी कराया। रानी के अनुसार राजनीति में वे लोगों की भलाई के लिए आई हैं। नौकरी इसलिए छोड़ा, क्योंकि वहां रहते हुए जन-कल्याण की उनकी सोच को सीमित दायरे में काम करना पड़ रहा था। अब नाथनगर के लोग ही फैसला करेंगे कि अपने हक की आवाज विधानसभा में बुलंद करने के लिए वे उन्हें चुनें।