रांची हाई कोर्ट के 3 अतिरिक्त जज बनेंगे स्थाई जज, सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम का फैसला
सिटी पोस्ट लाइव : न्यायमूर्ति राजेश कुमार, न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी और न्यायमूर्ति कैलाश देव को स्थाई जज बनाए जाने की सिफारिश उच्चतम न्यायालय की कॉलेजियम ने बुधवार को कर दी है. ये तीनों न्यायधीश अभी अतिरिक्त न्यायाधीश के पद पर हैं. कॉलेजियम ने जिन अतिरिक्त न्यायाधीशों को स्थाई न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की है उनकी छवि भी बहुत साफ़ सुथरी रही है.अपने जजमेंट से उन्होंने न्यायिक क्षेत्र में नए नए मिसाल कायम किये हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के तीन वरिष्ठतम न्यायाधीशों की कॉलेजियम ने ईन तीन जजों के रिकार्डस के आधार पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया है.गौरतलब है कि यहीं कॉलेजियम उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिये उनके नामों का चयन और सिफारिश करती है. शीर्ष अदालत के पांच न्यायाधीशों की कॉलेजियम उच्चतम न्यायालय के लिये न्यायाशीशों के नामों का चयन और सिफारिश करती है.न्यायमूर्ति रंजन गोगोई के 17 नवंबर को प्रधान न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति आर भानुमति पांच सदस्यीय कॉलेजियम की नयी सदस्य बनी हैं.इस कॉलेजियम की सिफारिश पर ही रांची हाई कोर्ट के तीन अतिरिक्त जजों को स्थाई जज बनाने का अहम् फैसला हुआ है.
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति रूमा पॉल के बाद 13 साल के अंतराल पर कॉलेजियम में शामिल होने वाली वह महिला न्यायाधीश हैं. शीर्ष अदालत की नयी कॉलेजियम में प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति भानुमति शामिल हैं.