रेलवे नहीं बेचेगी प्लास्टिक की पानी बोतल, खुद नष्ट हो जाएंगी रेल नीर की बोतलें
सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमंत्री मोदी के सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने के अभियान सफल बनाने के लिए सख्त कठम उठाए जा रहे हैं। भारतीय रेलवे भी इस अभियान में योगदान देने आगे आया है। रेलव स्टेशन और ट्रेन में मिलने वाला रेल नीर अब प्लास्टिक की बोतलों की जगह खुद नष्ट हो जाने वाली बोतलों में मिलेगा। रेलवे के बोटलिंग प्लांट में इस तरह की बायोडिग्रेडेबल बोतलें बनाई जा रही हैं। प्रथम चरण में दिल्ली से लखनऊ के लिए चल रही तेजस ट्रेनों में इन बोतलों को दिया जा रहा है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंति पर भारतीय रेलवे ने भी सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद भारतीय रेलवे ने बायोडिग्रेडेबल बोतलों को जनवरी से सभी ट्रनों व रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया है कि फिलहाल आईआरसीटीसी के मुंबई प्लांट में यह बोतलें बन रही हैं और इनकी सप्लाई हो रही है। जल्द ही अन्य प्लांट पर भी इन्हें बनाना शुरू कर दिया जाएगा। जिससे कि तीन महीने के अंदर लगभग सभी स्टेशनों और ट्रेनों में इन्हें उपलब्ध कराया जा सके।
पूरे देश में रेल नीर के अभी दस प्लांट हैं। जिनसे करीब 10.9 लाख लीटर पैकेज वाटर तैयार किया जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक के बाद आईआरसीटीसी ने रेलवे बोर्ड के सामने चार नए प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। जिसे रेलवे बोर्ड की तरफ से मंजूरी मिल गई है। जानकारी के मुताबिक 2021 तक चार नए शुरू कर दिए जाएंगे।