सिटी पोस्ट लाइव : कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर केंद्र और बिहार सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने पहले कोरोना काल में पीएम मोदी (PM Modi) सरकार की 7 ‘उपलब्धियां’ गिनवाकर तंज कसा है वहीँ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी जमकर निशाना साधा. पटना के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों के बीच पिछले दो दिनों से शव पड़े होने के विडियो पर ट्वीट करते हुए राहुल गांधी ने नीतीश कुमार के सुशासन पर निशाना साधा है. उन्होंने तवीत किया है-“ बिहार में कोरोना महामारी की स्थिति बहुत नाजुक है और राज्य सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है. अस्पताल के वार्ड में लावारिश शव का पड़े होना सरकार के सुशासन का पोल खोलने के लिए काफी है”?.
गौरतलब है कि इससे पहले राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट किया -“कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां: फरवरी- नमस्ते ट्रंप, मार्च- MP में सरकार गिराई, अप्रैल- मोमबत्ती जलवाई, मई- सरकार की 6वीं सालगिरह, जून- बिहार में वर्चुअल रैली, जुलाई- राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश. इसीलिए देश कोरोना की लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ है.”राहुल गांधी पर उसके बाद बीजेपी की ओर से भी इस पर पलटवार किया. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने राहुल गांधी की बीते 6 महीनों की उपल्बधियां गिनवाई हैं. जिसमें राजस्थान में जारी सियासी संग्राम और ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रकरण को भी शामिल किया गया है.
इससे पहले राहुल गांधी ने आज ट्विटर पर तंज कसा कि “कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियां: फरवरी- नमस्ते ट्रंप, मार्च- MP में सरकार गिराई, अप्रैल- मोमबत्ती जलवाई, मई- सरकार की 6वीं सालगिरह, जून- बिहार में वर्चुअल रैली, जुलाई- राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश. इसीलिए देश कोरोना की लड़ाई में ‘आत्मनिर्भर’ है.” बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने भी पलटवार करते हुए लिखा, राहुल गांधी के बीते 6 महीने की उपलब्धियां. फरवरी में शाहीन बाग और दिल्ली में दंगे, मार्च में सिंधिया और मध्य प्रदेश में सरकार खो देना, अप्रैल में मजदूरों को भड़काना, मई में ऐतिहासिक हार की वर्षगांठ, जून में चीन की वकालत और और जुलाई में राजस्थान में पार्टी का ‘विनाश’.
गौरतलब है कि राजस्थान में इस समय बहुत ही बुरे दौर से जूझ रही है. पार्टी के कद्दावर नेता और राहुल गांधी के करीबी रहे सचिन पायलट ने बगावत कर दी है और उनके समर्थन में 18 विधायक बताए जा रहे हैं. अशोक गहलोत इस समय संकट में है. लेकिन पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह ही सचिन पायलट पार्टी के युवा चेहरे में से एक हैं. फिलहाल सचिन पायलट और 18 विधायको को विधानसभा अध्यक्ष की ओर से कारण बताओ नोटिस भेजा गया है जिसमें पूछा गया है कि व्हिप जारी होने के बाद भी अगर विधायक दल की बैठक न आने पर उनके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई क्यों न की जाए. इस नोटिस के खिलाफ सचिन पायलट का खेमा हाईकोर्ट पहुंच गया है और नोटिस को खारिज करने की मांग की है.