सिटी पोस्ट लाइव( अभिषेक) : रेलवे होटल टेंडर मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत अन्य सभी आरोपियों की शुक्रवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी होगी. कोर्ट में पेशी के लिए गुरुवार को ही राबडी देबी के साथ तेजस्वी यादव दिल्ली पहुँच चुके हैं. कोर्ट ने 30 जुलाई को नोटिस भेजकर राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों को पेश होने का निर्देश दिया था. गौरतलब है कि इस मामले में ईडी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर चूका है.
गौरतलब है कि 2004 से 2009 के बीच का यह मामला है जब लालू प्रसाद रेलमंत्री थे. इस दौरान रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल को रख-रखाव और इम्प्रूवमेंट के लिए आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया था. इसके लिए टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दिया गया. आरोप है कि इस टेंडर में सारे नियम-कानून को ताक पर रख दिया गया था. इस टेंडर के एवज में लालू परिवार पर मेसर्स सुजाता होटल्स के मालिक विनय कोचर की करोड़ों की जमीन लालू यादव के परिवार के नाम कर दिए जाने का आरोप है.
लालू परिवार पर आरोप है कि इस टेंडर के एवज में 25 फरवरी 2005 को कोचर ने पटना की बेली रोड स्थित 3 एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड (डीएमसीएल) को 1.47 करोड़ रुपए में बेच दी थी. बाजार में उसकी कीमत 1.93 करोड़ रुपए थी. इसे कृषि भूमि बताकर सर्कल रेट से काफी कम पर बेचा गया, स्टाम्प ड्यूटी में गड़बड़ी की गई. 2010 से 2014 के दौरान इस बेनामी संपत्ति को लालू परिवार की कंपनी लारा प्रोजेक्ट को मात्र 65 लाख रुपये में ट्रांसफर कर दिया गया. जबकि सर्कल रेट के तहत इसकी कीमत करीब 32 करोड़ थी और मार्केट रेट 94 करोड़ रुपए था.
एफआईआर में कहा गया है कि कोचर ने जिस दिन ज़मीन डीएमसीएल को बेची गई उसी दिन रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को उसे बीएनआर होटल्स सौंपे जाने के अपने फैसले के बारे में बताया. सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.इसी जमीन पर सैकड़ों करोड़ की लगात से बिहार का सबसे बड़ा मॉल बनना था. लेकिन इस बीच पटना चिड़िया घर की मिटटी इस जमीन में भरे जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया. फिर क्या था बीजेपी नेता सुशिल कुमार मोदी लालू परिवार के पीछे पड़ गए. उन्होंने यह खुलासा किया कि यह जमीन रिश्वत के तौर पर लालू यादव के परिवार को दी गई है.मामला इतना उछला कि ईडी ने संज्ञान ले लिया.
लालू यादव तो सजायाफ्ता हैं ही अब उनके राजनीतिक वारिश तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राबडी देबी के इस मामले फंस जाने के बाद लालू फॅमिली का संकट बढ़ गया है. सबसे बड़ा सवाल- अगर तेजस्वी यादव इस मामले में जेल चले जाते हैं या फिर उन्हें सजा हो जाती है तो लालू की राजनीतिक विरासत को कौन संभालेगा? गौरतलब है कि तेजस्वी यादव का राजनीतिक कद बहुत तेजी से बढ़ा है लेकिन इस मामले में फंस जाने के बाद उनके स्वतन्त्र राजनीतिक करियर की शुरुवात ही झंझावात में फंस गया दीखता है.
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