सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड में बिजली उत्पादन के लिए कोयला और पानी समेत सभी संसाधन उपलब्ध है, फिर भी अपनी जरूरतों के हिसाब से बिजली उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं । हमें अन्य स्रोतों से बिजली लेनी पड़ रही है । मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाएं । इससे ना सिर्फ ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होंगे बल्कि राजस्व में भी इजाफा होगा । बैठक में विभागीय अधिकारियों ने ऊर्जा विकास, उत्पादन, संचरण, वितरण और सेवा से संबंधित योजनाओं की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया ।
डीवीसी पर नहीं हो निर्भरता
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के लिए डीवीसी पर निर्भरता को खत्म करना है । इस दिशा में विभाग सभी जरूरी कदम उठाए । उन्होंने कहा कि डीवीसी कमांड एरिया वाले 7 जिलों में बिजली आपूर्ति के लिए महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है ।इससे राजस्व का नुकसान होता है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी कमांड एरिया में ट्रांसमिशन लाइन और सब स्टेशन बनाने के कार्य मे तेजी लाई जाए । विभाग की ओर से बताया गया कि लातेहार -चतरा के बीच ट्रांसमिशन लाइन और सब स्टेशन बनकर तैयार है । इसके चालू होने से एक और जिले में बिजली के लिए डीवीसी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी ।डीवीसी से जहां लगभग पांच रुपये यूनिट बिजली खरीदना पड़ता है, वही इसके चालू होने से लगभग 3 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलेगी ।
बिजली बिल वितरण और संग्रह की व्यवस्था को बेहतर बनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में बिजली वितरण की जो व्यवस्था है उसमें राजस्व का काफी नुकसान हो रहा है । इसे दूर करने की दिशा में कड़े कदम उठाने चाहिए । उन्होंने कहा कि बिजली बिल वितरण और संग्रहण की व्यवस्था को बेहतर बनाएं ताकि ज्यादा से ज्यादा राजस्व प्राप्त हो सके । विभाग की ओर से बताया गया कि अभी बिजली से लगभग 34 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हो रहा है ।इसकी वजह खराब मीटर, कमजोर संचरण लाइन, फीडर ,संग्रहण और बिजली चोरी है ।इसे दुरुस्त करने की कार्रवाई हो रही है। बिजली चोरी को रोकने के लिए पूरे राज्य में व्यापक छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है ।बिजली चोरों के खिलाफ जुर्माने के साथ प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है ।
अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दें
मुख्यमंत्री ने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा देकर हम बिजली उत्पादन और इसमें आने वाली लागत को कम कर सकते हैं । उन्होंने सौर ऊर्जा आधारित बिजली व्यवस्था को बनाने की दिशा में पहल करने को कहा ।इसके अलावा डैम आदि के किनारे हाइडल पावर प्लांट की संभावनाओं को तलाशें । विभाग की ओर से बताया गया कि अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्लांट और सोलर पावर पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है ।मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में रिन्यूअल एनर्जी की व्यवस्था बनाने के भी निर्देश दिए ।
नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करें
विभाग की ओर से मुख्यमंत्री को बताया गया कि पदों के खाली रहने से बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने राजस्व संग्रहण के कार्य में असुविधा हो रही है ।मुख्यमंत्री ने कहा कि लाइनमैन समेत सभी खाली पदों को भरने की पहल शुरू की जाए । ऊर्जा विभाग को बिजली से लगभग 34 प्रतिशत राजस्व का नुकसान हो रहा है । राज्य के लगभग 76 प्रतिशत उपभोक्ताओं को बिजली बिल पहुंचाया जा रहा है । राज्य में हर दिन लगभग 2200 मेगावाट बिजली की जरूरत है । इसमें डीवीसी से लगभग 600 मेगा वाट , एनटीपीसी से 597 मेगा वाट और सेंट्रल पुल से 215 मेगा वाट बिजली आपूर्ति की जाती है । राज्य में लगभग एक लाख ट्रांसफार्मर हैं जिनमें मात्र 4488 ट्रांसफार्मर ही खराब है । स्मार्ट मीटरिंग कार्यक्रम के तहत सभी जिलों में नए मीटर लगाए जा रहे हैं ।रांची में लगभग 3.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे । झारखंड पावर इंप्रूवमेंट प्रोग्राम के तहत सब स्टेशन , ट्रांसमिशन लाइन, स्मार्ट मीटरिंग, ग्रिड,ट्रांसफार्मर आदि का सुदृढ़ीकरण, मजबूतीकरण और नवीकरण किया जा रहा है । डीवीसी कमांड एरिया के अंतर्गत बड़कागांव ,रामगढ़, बरही, पेटरवार, हंटरगंज , सिमरिया ,गोला , दुग्धा, गावां और निरसा समेत कई और। इलाकों में नए सब स्टेशन और ट्रांसमिशन लाइन बनाने की प्रक्रिया चल रही है । मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त केके खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजीव अरुण एक्का, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, झारखंड राज्य बिजली उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक बसारत और झारखंड राज्य बिजली संचरण निगम के प्रबंध निदेशक केके वर्मा समीक्षा बैठक में उपस्थित थे ।