किसानों को पीएम किसान योजना से जोड़ कर शीघ्र लाभ दिलायें: मुख्यमंत्री

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: प्रधानमंत्री किसान योजना पोर्टल में 23 लाख किसान निबंधित हैं। नौ लाख किसानों का आवेदन लंबित। ऐसा क्यों। अगर ये छुटे हुए किसान निबंधित हो जाते हैं तो राज्य के 32 लाख किसानों को लाभ होगा। जल्द से जल्द निबंधन की प्रक्रिया आरंभ करें। हर छोटे, मंझोले और सीमांत किसान को योजना से लाभान्वित करना है, इसे लक्ष्य मान कार्य करें। ताकि 15 अगस्त तक इन सभी छुटे किसानों के खाते में योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता दी जा सके। कोरोना संक्रमण को देखते हुए लघु, सीमांत एवं प्रवासी श्रमिकों को योजना का लाभ अवश्य दें। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। सोरेन राज्य में धान उत्पादन एवं बाजार अभिगम्यता व सुलभता हेतु “सहायता“ नामक प्रस्तावित नई योजना एवं बाजार समिति के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहे थे।

प्रवासी श्रमिकों को भी योजना से जोड़े
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जितने भी प्रवासी श्रमिक वापस लौटें हैं, उनका डाटा जिला के उपायुक्तों के माध्यम से तैयार करें। प्रवासी श्रमिक जिनकी जमीन है उन्हें पीएम किसान योजना पोर्टल में निबंधित करें। नए सिरे से किसानों की पहचान की आवश्यकता है। ताकि 15 अगस्त तक छुटे हुए किसानों को लाभान्वित करने का कार्य हो सके।

इस स्थिति को बदलने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान बढ़ नहीं रहे, बल्कि किसान अब घटते हुए खेतिहर मजदूर बनते जा रहें हैं। मौसम की विषमता छोटे और मंझोले किसानों की परेशानी का सबब बन गया है। किसान पलायन भी कर रहें हैं। ऐसे में स्थिति को बदलने और इस विषय पर विशेष कार्य योजना बनाने की जरूरत है।

धान उत्पादन एवं बाजार अभिगम्यता व सुलभता के लिए “सहायता“ नामक प्रस्तावित नई योजना में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए “धान उत्पादन एवं आर्थिक सहायता के लिए 200 करोड़ का बजट प्रावधान किया गया है। वहीं योजना का उद्देश्य किसानों प्रति क्विंटल 500 रुपये की आर्थिक सहायता देना, जिन किसानों का धान राज्य सरकार क्रय करेगी। जबकि  2017 में हुए गणना के अनुसार, राज्य में 38.14 लाख खेतिहर और  प्रधानमंत्री किसान योजना पोर्टल में 23 लाख किसान निबंधित, 9.15 लाख किसानों का आवेदन लंबित, इनका निबंधन होते ही 32 लाख किसान निबंधित हो जाएंगे। दूसरी तरफ बाजार समिति के प्रस्ताव की खास बातों में पूरे झारखण्ड में “एक राज्य एक बाजार“ की जरूरत है, जबकि किसी भी व्यापारी को उसे एक जिला में ही व्यापार करने की बाध्यता नहीं होगी। साथ ही निजी बाजार की स्थापना की जाएगी और  बाजार यार्ड के बाहर कृषक से थोक प्रत्यक्ष खरीद की जाएगी।  समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव   राजीव अरुण एक्का, सचिव कृषि विभाग अब्बू बकर सिद्दीकी, उपायुक्त रांची छवि रंजन, अपर सचिव कृषि विभाग सुनील कुमार सिन्हा, विशेष सचिव सह सलाहकार कृषि विभाग   प्रदीप हजारी व अन्य उपस्थित थे।

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