सिटी पोस्ट लाइव : नेपाल हर रोज भारत विरोधी फैसले लेरह है.नेपाल ने सीमा विवाद के बाद अब भारतीय न्यूज टीवी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी है. नेपाल सरकार ने इसे लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया है लेकिन नेपाल के केबल टीवी ऑपरेटर भारतीय न्यूज चैनलों का प्रसारण नहीं कर रहे हैं. नेपाल में बैन किए गए चैनलों में डीडी न्यूज को शामिल नहीं किया गया है.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली भारतीय सामचार चैनलों पर प्रतिबंध लगाकर फिर एक बार चीन के नक्शे कदम पर चलते दिखाई दे रहे हैं.गौरतलब है कि लद्दाख में जारी तनाव के बीच चीन ने भी भारतीय न्यूज चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया था. चीन को डर था कि वहां के लोगों को भारतीय समाचार चैनलों के माध्यम से सीमा के हालात की सही जानकारी मिल सकती है.
पीएम ओली नेपाल की सत्ता में राष्ट्रवाद के सहारे बने रहना चाहते हैं. इसलिए वे कभी नक्शा विवाद तो कभी नागरिकता कानून के जरिए भारत के खिलाफ कड़ा कदम उठा रहे हैं. ओली ने हाल में ही अपनी सरकार गिराने को लेकर भारत पर साजिश करने का आरोप लगाया था. चीनी राजदूत के साथ उनकी नजदीकियों को लेकर नेपाल में ही विरोध शुरू हो गया है.नेपाल में इन दिनों राजनीति में वामपंथियों का दबदबा है. वर्तमान प्रधानमंत्री केपी शर्मा भी वामपंथी हैं.नेपाल में संविधान को अपनाए जाने के बाद वर्ष 2015 में पहले प्रधानमंत्री बने थे. उन्हें नेपाल के वामपंथी दलों का समर्थन हासिल था. केपी शर्मा अपनी भारत विरोधी भावनाओं के लिए जाने जाते हैं.
वर्ष 2015 में भारत के नाकेबंदी के बाद भी उन्होंने नेपाली संविधान में बदलाव नहीं किया और भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए केपी शर्मा चीन की गोद में चले गए. नेपाल सरकार चीन के साथ एक डील कर ली. इसके तहत चीन ने अपने पोर्ट को इस्तेमाल करने की इजाज़त नेपाल को दे दी.