बिहार के निजी बस मालिक परेशान,फीसदी भी नहीं मिल रही सवारी, कैसे भरेगें किश्त?

City Post Live

 

सिटी पोस्ट लाइव :लॉकडाउन की वजह से बस मालिक तबाह हो गए हैं.एक तरफ तीन महीने तक उनको कर्मचारियों को बिठाकर वेतन देना पड़ा वहीँ दूसरी तरफ लॉक डाउन ख़त्म होने के वावजूद उन्हें यात्री नहीं मिल रहे हैं.लॉक डाउन में ढील तो मिल गई है लेकिन इसके बावजूद भी बस मालिकों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही क्योंकि यात्री अभीतक नहीं मिल रहे हैं. बस मालिकों का कहना है कि आमदनी की बात तो दूर खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.

यात्रियों के आने के इंतजार में बसें अपने निर्धारित समय से खुल भी नहीं पा रही है.यात्री नहीं मिलने की वजह से मीठापुर बस स्टैंड में 1000 के सापेक्ष 200 से 250 बसें ही फिलहाल रोज चल रही हैं. ऐसे में बस मालिकों को बैंक किस्त हो या स्टैंड का शुल्क, चुकाना मुश्किल होता जा रहा है. जो बसें खुल भी रही हैं वो आधी खाली जा रही हैं. बस मालिकों के अनुसार उनकी 25 फीसदी बसें ही खुल रही हैं. इतना भी फायदा नहीं कि बस की बैंक किस्त भी दी जा सके. बस ऑपरेटर कंफेडरेशन ऑफ बिहार मीठापुर के बैनर तले परिवहन विभाग को पत्र लिखा गया है.बस मालिक लॉकडाउन के दौरान बंद अवधि में तिमाही का कर्ज  माफ करने, आगामी छह माह के लिए टैक्स फिटनेस, बीमा, किस्त, टोल टैक्स व अन्य रियायतों की मांग सरकार से कर रहे हैं.

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