सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना की वजह से पिछले दो साल से बच्चों की पढ़ाई ठप्प है. अब परीक्षा का समय है. ऐसे में सरकार अब शैक्षणिक संस्थान खोले जाने की तैयारी कर रही है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की रफ्तार कम होने के कारण अब स्कूल-कॉलेज खोले जाने की संभावना बढ़ गई है. कोरोना का संक्रमण काफी कम हुआ है लेकिन आपदा प्रबंधन समूह स्कूल खोलने पर बच्चों के जोखिम का आकलन कर अंतिम फैसला करेगा. सूत्रों के अनुसार 7 फरवरी से शैक्षणिक संस्थान खोले जाने (Bihar School Reopen) की संभावना है.
राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों के अलावा कॉलेज, कोचिंग संस्थान और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों के 6 फरवरी के बाद खोल दिये जाएंगे. इस मामले को लेकर अंतिम फैसला राज्य सरकार द्वारा गठित क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिया जाना है. माना जा रहा है कि इस समूह की बैठक 5 फरवरी को मुख्य मुख्य सचिव आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में होगी. कोरोना संक्रमण के मामले को लेकर बिहार सरकार का जो मौजूदा गाइडलाइन है वह 6 फरवरी तक प्रभावी रहेगा. इसके तहत शैक्षणिक संस्थान तो बंद हैं हीं शैक्षणिक संस्थानों के कार्यालय भी 50 फीसदी की उपस्थिति के साथ ही खुल रहे हैं. कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट की गति कम होने से बिहार के शैक्षणिक संस्थान खुल जाने के आसार बन गए हैं.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुसार शिक्षा विभाग की मंशा शिक्षण संस्थानों को खोलने की है .मंत्री ने माना कि कोरोना का संक्रमण काफी कम हुआ है लेकिन आपदा प्रबंधन समूह स्कूल खोलने पर बच्चों के जोखिम का आकलन कर अंतिम फैसला करेगा. मंत्री ने कहा कि लगातार स्कूल कई दिनों से बंद रहने की वजह से बच्चों को पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ है इसलिए पढ़ाई की अनिश्चितता खत्म होनी चाहिए..