सिटी पोस्ट लाइव : लॉक डाउन में वातावरण में जो अच्छा परिवर्तन आया था अब एकबार फिर से वह बिगड़ने लगा है. प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए अब 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के संचालन पर रोक लगाए जाने की तैयारी की जा रही है. पुरानी गाड़ियों को हटाने के लिए केन्द्र सरकार ने तो तैयारी शुरू कर ही दी है. राज्य सरकारें भी इस पर अमल करने की तैयारी में जुट गई हैं. बिहार सरकार ने 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन और 20 साल पुरानी निजी गाड़ियों के संचालन को प्रतिबंधित कर देने की तैयारी शुरू कर दी है.
केंद्र सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुरानी गाड़ियों पर एक नई पॉलिसी ला रही है जिसे बिहार में भी लागू करने की तैयारी चल रही है. केन्द्र की नई नीति के अनुसार 15 साल पुराने कमर्शियल और 20 साल पुराने निजी वाहनों को सड़क पर चलने की इजाजत नहीं होगी. उनके रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिए जाएंगे. बिहार सरकार भी यह नियम लागू कर सकती है. इस नए नियम को केंद्रीय सड़क राजमार्ग एवं परिवहन मंत्रालय की ओर से तैयार किया जा रहा है. केन्द्र की ओर से इसकी सूचना बिहार सहित सभी राज्य सरकारों को दे दी गई है.
पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन फी में अप्रत्याशित वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया गया है. खासकर वैसी गाड़ियां जो 15 साल पुरानी हो चुकी हैं, उनके रजिस्ट्रेशन फी में दो-तीन गुना तक वृद्धि की जा सकती है. ऐसे वाहनों के स्वामियों से फिटनेस सर्टिफिकेट, फिटनेस टेस्टिंग के नाम पर भी मोटी रकम वसूली जाएगी. शहरों के भीतर 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों के प्रवेश की मनाही होगी. रोड टैक्स के रूप में भी इन गाड़ियों से मोटी राशि लिए जाने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही 15 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप के रूप में बेचने पर उन्हें रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स के मद में रियायत देने का प्रावधान तैयार किया गया है. मैनुअल में पुरानी गाड़ियों की प्रदूषण जांच को लेकर प्रस्ताव में साफ कहा गया है कि पुरानी गाड़ियों की प्रदूषण जांच ऑटोमेटेड फिटनेस सर्टिफिकेशन सेंटर पर हो. इन केंद्रों पर गाड़ियों के आते ही 15 साल पुरानी व्यावसायिक और 20 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. इसको लेकर बिहार सहित अन्य राज्यों को कहा गया है कि वह विभागीय स्तर पर या पीपीपी मोड में ऑटोमेटेड फिटनेस सर्टिफिकेशन सेंटर बनाए.