प्रशांत किशोर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, मैं तो प्रदेश अध्यक्ष, नेता दायरे से बाहर न करें बयानबाजी
सिटी पोस्ट लाइव : नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर लगातार जेडीयू के भीतर कलह मची हुई है. एक खेमा है जो CAA और NRC के पक्ष में है, जबकि दूसरा खेमा प्रशांत किशोर हैं जिन्हें CAA, NRC देश विरोधी कानून लगता है. बता प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद जहां पहले जेडीयू नेता आलोक ने ट्वीट कर कहा कि “CAA अब 10 जनवरी 2020 से देश का क़ानून बन चुका हैं , ये पुरे देश में लागू हो चुका हैं और सबको इसका पालन करना ही हैं नहीं तो article 365 के तहत राष्ट्रपति कार्यवाही करेंगे । सवाल ये हैं की राज द्रोह की भाषा बोलने पे क्या सजा होती हैं ? असमंजस की स्तिथि NDA में नहीं होनी चाहिए ।
वहीँ अब इस ट्वीट पर जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपरोक्ष रूप से प्रशांत किशोर को नसीहत देते हुए कहा कि पार्टी के लोगों को दायरे का ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी के नेताओं को ऐसी बयानबाजी नहीं करनी चाहिए जो पार्टी के दायरे से बाहर हो. जाहिर है कि PK ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मैं CAA-NRC की औपचारिक और स्पष्ट अस्वीकृति के लिए कांग्रेस नेतृत्व के साथ हूं. इसको लेकर उनके प्रयासों के लिए राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों विशेष धन्यवाद के पात्र हैं. इसके अलावा सभी को आश्वस्त करना चाहेंगे कि बिहार में सीएए-एनआरसी लागू नहीं होगा.’
हालांकि प्रदेश अध्यक्ष ने ये भी कहा कि प्रशांत किशोर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं लिहाजा उन पर कुछ बोलना उनके लिए सही नहीं होगा. उन्होंने उनसे अपने आप को छोटा बताते हुए कहा कि मैं तो प्रदेश अध्यक्ष हूँ, जबकि प्रशांत किशोर राष्ट्रिय अध्यक्ष. ऐसे में उन्होंने क्या कहा, उन्होंने क्या बयान दिया है, इस पर कुछ नहीं कहना. लेकिन पार्टी के उन नेताओं से कहना चाहूँगा जो पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयान देते हैं, वे दायरे में रहकर बयानबाजी करें. जाहिर है उनका ये बयान शायद अजय अलोक के लिए भी हो सकता है, क्योंकि अजय आलोक ने तो देश द्रोह की भाषा बोलने तक का आरोप प्रशांत किशोर पर लगा दिया है!.