सिटी पोस्ट लाइव : समलैंगिक विवाह का प्रचलन कई मशक्कतों के बाद अब धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है. हालांकि भारत सरकार ने धारा 377 को 6 सितम्बर 2018 को ही पारित कर दिया था परन्तु उस वक़्त लोगों के दिमाग से इस धारा को ले कर जो गलत अवधारणाएं थी उसको पूरी तरह से निकालने में सफलता नहीं पायी थी| पर इस तरह के विवाह का चलन अब बड़े शहरों के साथ – साथ छोटे शहरों में भी शुरू हो चुका है. खबर है कि बेतिया के की दो लड़कियों ने जालंधर के न्यायालय में एक – दूसरे के साथ शादी रचा ली है और खुद को पति – पत्नी बता रहे हैं.
हालांकि उन दोनों के परिवार वाले इस शादी को मानने के लिए तैयार नहीं हैं. इसरत (पत्नी) के घर वाले अपनी बेटी से रिश्ता तक रखने से इन्कार कर रही है. ऐसी स्थिति को देखते हुए दोनों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की. पहले तो पुलिस भी इस शादी की खबर को सुन कर हैरानी हुई, पर बाद मैं इन दोनों की मदद भी की. फिलहाल पुलिस ने दोनों को रामनगर स्थित नगमा खातून (पति) के घर सुरक्षित भेज दिया है और अभी भी इसकी जांच चल रही है.
सूत्रों के मुताबिक, इसरत के पिता ने बताया कि उनका परिवार जालंधर में ही रहता था और नगमा खातून पड़ोस में बगहा के रामनगर की रहनेवाली है, यहीं से वे दोनों एक – दुसरे से मिले और एक – दूसरे को पसंद करने लगें. समलैंगिक विवाह से जुड़ी खबरें पहले भी बड़े शहरों से आ चुकी है परन्तु छोटे शहरों में भी अब यह शुरू हो चुका है. गौरतलब है कि ट्रांस्जेंडरों की जिंदगी आसान नहीं होती और किसी भी समाज में रहने के लिए आम लोगों की अपेक्षा ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है.